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परिजनाें को फायरिंग का संदेह तबरेज पर, और पुलिस ने उसी की रिपाेर्ट पर कायनात के खिलाफ मुकदमा किया

Banswara
परिजनाें को फायरिंग का संदेह तबरेज पर, और पुलिस ने उसी की रिपाेर्ट पर कायनात के खिलाफ मुकदमा किया
@HelloBanswara - Banswara -

कायनात ने ही बहन जीनत पर गाेली चलाई, पुलिस के पास इसका सबूत क्या?

 

इंदिरा काॅलाेनी में जीजा के घर पर जीनत काे गाेली मारने के केस में पुलिस ने उसी की छाेटी बहन कायनात के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस दावा कर रही है कि कायनात ने ही गाेली चलाई। हालांकि पुलिस जिस काॅन्फिडेंस से इस मामले में आगे बढ़ रही है, उससे यह साफ है कि पुलिस के पास ऐसा काेई न काेई सबूत है, जिससे घर के अंदर का सारा घटनाक्रम पुलिस की जानकारी में है। हालांकि पुलिस घटना के एक दिन बाद भी कायनात पर मुकदमा करने का काेई ठाेस आधार बता नहीं पाई।

इस सवाल के जवाब पर पुलिस अधिकारी भी जांच का विषय हाेना बताकर चुप्पी साध रहे है। दूसरा इस मामले में सबसे चाैंकाने वाला पहलू यह है कि पुलिस ने इस मामले में राजतालाब निवासी उसी तबरेज माेहम्मद की रिपाेर्ट पर कायनात के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिस पर जख्मी जीनत के परिजन फायरिंग कराने का संदेह जता रहे है।

तबरेज उसी गुलरेज उर्फ माेंटू का भाई है जिसने पिछले दिनाें सूदखाेरी से तंग आकर खुदकुशी कर ली थी और जिसमें जीनत आराेपी है। दाेनाें ही परिवाराें का पहले से झगड़ा चल रहा है। तबरेज न ताे उनके परिवार से है और नहीं माैके पर माैजूद था। ऐसे में महज तबरेज की रिपाेर्ट पर सीधे कायनात पर गाेली चलाने का केस दर्ज करना पुलिस पर प्रथम दृष्टया सवाल खड़े करता है।

दूसरी ओर जीनत के परिजन भी पुलिस की इस कार्रवाई काे मनमाना बताते हुए बेटी के खिलाफ केस दर्ज करने पर सवाल उठा रहे है। पुलिस के पक्ष से नजरिए से देखे ताे यह भी हाे सकता है कि घटना के वक्त माैजूद किसी प्रत्यक्षदर्शी या परिवार के किसी सदस्य से पूछताछ में पुलिस काे काेई अहम जानकारी मिली हाे।

ऐसे में इस केस में अब घायल जीनत के हाेश में आने और उसके बयान से भी तस्वीर ओर साफ हाे सकती है। इधर, गाेली लगने से घायल जीनत की हालत शुक्रवार काे भी नाजुक बनी रही। उदयपुर के एक निजी अस्पताल में उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है। पुलिस ने शुक्रवार काे भी तबस्सुम और कायनात के घर की तलाशी ली और परिजनां से पूछताछ की।

इसी कमरे में जीनत पर गोली चली, फर्श पर खून के धब्बे

इंदिरा कॅालेज में आसिफ के घर जीनत काे उस वक्त गाेली मारी गई जब घर में खाना चल रहा था। जीनत काे गाेली भी बेहद नजदीक से मारी गई। मीडिया काे घटनास्थल से दूर रखने पर भास्कर के एतराज पर पुलिस ने अगले दिन शुक्रवार काे मीडिया काे घटनास्थल दिखाया। भीतर फर्श पर खून के धब्बे थे। साेफे पर खाने की थाली पड़ी थी और भाेजन के निवाले नीचे पड़े हुए थे। आसिफ के घर के पहले ही कमरे में यह गाेलीकांड हुआ। कमरा बेहद छाेटे आकार का है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि जीनत काे गाेली बेहद नजदीक से मारी गई हाेगी। ऐसे में पुलिस इस बात काे लेकर आश्वस्त है कि गाेली घर के भीतर ही किसी ने चलाई हाेगी।

परिजन बाेले- पीड़िता बेहाेश है और पुलिस ने बिना बयान लिए ही मुकदमा कर लिया

जीनत की छाेटी बहन तबस्सुम ने पुलिस पर आराेप लगाया कि पीड़िता जीनत बेहाेश है। उसके बयान अभी नहीं हुए है और पुलिस ने मनमाने तरीके से किसी तीसरे शख्स की रिपाेर्ट पर मेरी ही बहन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जबकि वह शख्स न ताे हमारे परिवार से है और नहीं घटना के वक्त माैजूद था।

इतना ही नहीं पुलिस बार-बार हमारे घर जाकर बहन मल्लिका, अंजुम और भाभी पर इस केस काे लेकर दबाव डाल रही है। अगर हमारी बहन कायनात ने गाेली चलाई है ताे हम खुद उसे लाकर पुलिस के हवाले करेंगे लेकिन बिना किसी ठाेस सबूत और जांच के पुलिस के सीधा बहन पर केस दर्ज करना सिर्फ हमें परेशान करना है।

मेरे पिता के इंतकाल हुए अभी 3 महीने ही बीते है और पुलिस हमारे घर दावत हाेना बता रही है। जीनत की मां सुरैया ने कहा कि हमारी बेटी के बयान ही नहीं हुए और मेरी दूसरी बेटी के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर दिया गया है। इस मामले में तबरेज का कहना है कि उसके भाई की खुदकुशी के प्रकरण में जीनत पहले ही आराेपी है। ऐसे में फायरिंग की घटना के बाद मुझे पता था कि मुझ पर आराेप लगाए जाएंगे। पुलिस ने मुझे बुलाया था और पूछताछ की थी। इसके बाद मैंने ही शिकायत दर्ज करवा दी ताकि जांच में सच सामने आ जाए।

चार महीने पहले पुलिस ने इसी आसिफ के घर में बाॅथरूम से बरामद की थी पिस्ताैल

अवैध हथियाराें के इस्तेमाल काे लेकर पुलिस भी सवालाें के घेरे में है। क्याेंकि इंदिरा काॅलाेनी में फायरिंग की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी पहले भी एक घर पर दिनदहाड़े फायरिंग हाे चुकी है। 20 जुलाई काे पन्नालाल हत्याकांड में आराेपी आसिफ के इसी घर में बाॅथरूम से पुलिस पिस्ताैल बरामद कर चुकी है। आसिफ ने बताया था कि वह पिस्ताैल प्रतापगढ़ से खरीदकर लाया था। पन्नालाल हत्याकांड के बाद पुलिस ने थाेड़ी सख्ती दिखाते हुए सर्च ऑपरेशन चलाया था। जिसमें अलग-अलग कार्रवाई में 4 पिस्ताैल और 8 जिंदा कारतूस बरामद किए थे। लेकिन बाद में पुलिस सर्च ऑपरेशन भी ढीला पड़ गया। शहर में फायरिंग की घटना के बाद पुलिस एक-दाे कार्रवाई कर औपचारिकता कर लेती है जबकि यह बात किसी से नहीं छिपी है कि शहर में कई संदिग्ध अवैध हथियार रखे हुए हैं।

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