नगर परिषद में चहेतों को टेंडर:स्काउट एवं गाइड कार्यालय में स्टाफ हॉल व सीढ़ियां बनानी,25.80 लाख का टेंडर देने की शिकायत, निविदा निरस्त की,

राजस्थान राज्य भारत स्काउट एवं गाइड के कार्यालय में 25.80 लाख रुपए की लागत से बनने वाला स्टाफ हॉल और सीढ़ियां के निर्माण के लिए ऑनलाइन मांगी गई निविदाएं नगर परिषद ने गुरुवार को नहीं खोली। चहेतों को टेंडर देने के लिए एक ठेकेदार की निविदा फॉम ऑनलाइन भरने के बाद उसकी हार्ड कॉपी ऑफलाइन जमा नहीं करने की शिकायत के बाद इसे कैंसिल कर दिया है। शिकायत एडीएम को की गई थी। अब निविदाएं नए सिरे ली जाएंगी। इस काम के लिए बीते माह दिसंबर में भी नगर परिषद ने ठेकेदारों से ऑनलाइन निविदाएं मांगी थी। उस समय 8 ठेकेदारों ने निविदाएं ऑनलाइन जमा की थी। उस समय नगर परिषद कर्मचारी की ओर से
जी-शेड्यूल गलत भरने की वजह से निविदाएं नहीं खोली जा सकी थी। इसके बाद 14 जनवरी को नगर परिषद ने टेंडर की निविदाएं फिर से मांगी। इसमें भी 8-10 ठेकेदारों ने ऑनलाइन निविदाएं जमा की थी।
गुरुवार को निविदा खोली जानी थी, लेकिन एक ठेकेदार ने बुधवार को एडीएम को शिकायत की, जिसमें बताया कि उसके द्वारा टेंडर का निविदा फॉर्म ऑनलाइन जमा करा दिया था। इसकी एक हार्ड कॉपी वो नगर परिषद में जमा कराने गया तो उससे चालान की कॉपी पहले जमा कराने की कहा गया, जबकि सरकारी विभागों में चालान की हार्ड कॉपी जमा कराने का कोई नियम नहीं है। जब तक वो चालान की हार्ड कॉपी लेकर आता, निर्धारित समय पूरा होने की वजह से उसका निविदा फॉर्म जमा नहीं किया गया।
नगर परिषद ने निविदा फॉर्म में शर्त संख्या 12 पर एक ऐसी शर्त रखी है, इसमें 50 लाख रुपए तक की राशि के कामों के लिए 500 रुपए व 50 लाख रुपए से अधिक राशि के कामों के लिए 1000 रुपए की राशि निविदा शुल्क के अतिरिक्त देनी थी। यह डिमांड ड्राफ्ट या बैंकर चेक के रूप में देनी थी। एमडीआरआईएसएल फीस ई-ग्रास के माध्यम से बजट मद में जमा कराने के बाद चालान की प्रति नगर परिषद में जमाने की शर्त रखी है। नगर परिषद के अधिकारी इसी शर्त का फायदा उठाते हैं। वह चालान की प्रति जमा नहीं कराने वाले ठेकेदारों के निविदाएं फॉर्म जमा करने से मना कर देते हैं। अन्य सरकारी विभागों में देखें तो ऑनलाइन फीस जमा कराने का ही नियम होता है। सभी प्रकार की फीस और निविदा फॉर्म ऑनलाइन जमा होता है, जबकि नगर परिषद ने इस शर्त में थोड़ा फेरबदल कर, अश्वि ऑनलाइन जमा आवेदन की चालान कॉपी को अलग से मांगा जाता है।
