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महिलाओं को लेकर बयान देने वाली टीचर सस्पेंड:कहा था- आदिवासी महिलाएं सिंदूर नहीं लगाती, मंगलसूत्र नहीं पहनती; हम हिंदू नहीं

Banswara
महिलाओं को लेकर बयान देने वाली टीचर सस्पेंड:कहा था- आदिवासी महिलाएं सिंदूर नहीं लगाती, मंगलसूत्र नहीं पहनती; हम हिंदू नहीं
@HelloBanswara - Banswara -

महिलाओं के सुहाग को लेकर बयान देने वाली महिला टीचर मेनका डामोर को शिक्षा विभाग ने सस्पेंड कर दिया है। राजस्थान आचरण नियम और शिक्षा विभाग की छवि को खराब करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है।

बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम पर 19 जुलाई को आयोजित महारैली में डामोर ने कहा था- आदिवासी महिलाएं पंडितों के बताए अनुसार न चलें। आदिवासी परिवार में सिंदूर नहीं लगाते, मंगल-सूत्र नहीं पहनते। आदिवासी समाज की महिला-बालिका शिक्षा पर फोकस करें। अब से सब व्रत-उपवास बंद कर दें। हम हिंदू नहीं हैं। आदिवासी समाज की महिलाओं ने मेनका डामोर के बयानों पर आपत्ति जताई थी।

भील प्रदेश बनाने की मांग को लेकर मानगढ़ धाम में जुटे थे आदिवासी समाज के लोग।
भील प्रदेश बनाने की मांग को लेकर मानगढ़ धाम में जुटे थे आदिवासी समाज के लोग।

शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक ने मामले में कार्रवाई करते हुए टीचर मेनका डामोर को सस्पेंड कर दिया है। टीचर को निलंबन के दौरान दोवड़ा सीबीईओ ऑफिस में ड्यूटी के निर्देश दिए गए हैं। मेनका डामोर आदिवासी परिवार संस्था की संस्थापक सदस्य भी है। वर्तमान में डामोर की पोस्टिंग गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल सादडिया में थी।

महारैली को बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने भी संबोधित किया था।
महारैली को बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने भी संबोधित किया था।

हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग पहुंचे थे
महारैली में राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग पहुंचे थे। महारैली में भील प्रदेश बनाने का राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित किया गया था। इस मौके पर नेताओं ने कहा था कि वे हिंदू नहीं हैं। इस रैली में कई सांसद-विधायक भी शामिल हुए थे।

सरकारी स्कूल में भील प्रदेश की प्रार्थना पर प्रिंसिपल और 2 टीचर हुए थे एपीओ
डूंगरपुर के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल डोलवर उपली में 8 दिन पहले भील प्रदेश की प्रार्थना करवाने का मामला सामने आया था। भील प्रदेश की सामूहिक प्रार्थना का वीडियो सामने आने के बाद जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री (टीएडी) बाबूलाल खराड़ी ने जांच के आदेश दिए थे। जांच में वीडियो की पुष्टि होने के बाद मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी (सीडीईओ) रणछोड़ लाल डामोर ने प्रिंसिपल हरिप्रकाश, टीचर जीवराज और जगदीश को एपीओ किया था।

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