थाने में खुदकुशी की कोशिश: ज्यादती के आरोपी ने थाने में गला काटा, पुलिस 12 घंटे बाद भी नहीं ढूंढ पाई वो नुकीला हथियार

राजतालाब थाने में गुरुवार सुबह नाबालिग से ज्यादती के आरोपी ने गला काटकर खुदकुशी की कोशिश की। लहूलुहान हालत में आरोपी काे एमजी अस्पताल ले जाया गया, जहां खून राेकने के लिए दाे टांके लगाए गए। आरोपी नई बस्ती निवासी 25 वर्षीय विमल आमलिया तीन दिन से पुलिस हिरासत में था।
मामले की गंभीरता काे देखते हुए एसपी ने डीएसपी सूर्यवीर सिंह काे जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, देर शाम आरोपी की तबीयत सामान्य हाेने पर उसे जेल भेज दिया गया। हालांकि थाना परिसर में आरोपी के खुदकुशी करने की घटना के बाद राजतालाब पुलिस भी सवालाें के घेरे में आ गई है।
घटना काे लेकर पुलिस 12 घंटे बाद भी यह साफ नहीं कर पाई कि आखिर टाॅयलेट में आरोपी ने किस नुकीली वस्तु से खुद की गर्दन काट ली? घटना सुबह करीब 9 बजे बाद की है। आरोपी विमल ने शाैच जाने के लिए कहा, जिस पर पुलिसकर्मी उसे टायलेट तक गया।
थाेड़ी देर बाद विमल अचानक से टाॅयलेट से बाहर आकर गिरा। उसकी गर्दन खून से सनी देख पुलिसकर्मी ने बाकी साथियाें काे इसके बारे में बताया। आनन-फानन में विमल काे अस्पताल ले जाया गया। एसपी राजेश कुमार मीना और सीओ सूर्यवीर सिंह ने थाने पहुंचकर जानकारी ली। विमल के खिलाफ खुदकुशी की काेशिश का प्रकरण दर्ज किया गया है। एसपी ने बताया कि मामले में सीओ सिंह को जांच सौंपी गई है।
आरोपी ने गर्दन किससे काटी, इसका पता नहीं : पुलिस
पुलिस का कहना है कि टाॅयलेट से कुछ भी धारदार वस्तु नहीं मिली है। जबकि विमल की गर्दन का घाव गहरा था, जिससे लग रहा है कि किसी नुकीली चीज का इस्तेमाल किया हाेगा। दूसरा बड़ा सवाल यह भी है कि खुदकुशी की काेशिश क्याेें की? हालांकि शाम 7:44 बजे डीएसपी ने एक मैसेज जारी कर जानकारी दी कि आराेपी ने किसी नुकीली चीज से गले पर चाेट पहुंचाई।
गुजरात से गिरफ्तार किया था
नई बस्ती निवासी विशाल के खिलाफ 10 जनवरी काे नाबालिग के अपहरण का केस दर्ज हुआ था। 30 जनवरी काे सूचना मिलने पर टीम ने गुजरात के सुरेंद्र नगर से विशाल काे गिरफ्तार कर नाबालिग काे बरामद कर लिया। 31 जनवरी से वह पुलिस हिरासत में था। नाबालिग के 164 के बयानाें के आधार पर मामले काे ज्यादती और पाॅक्साे अधिनियम के तहत धारा बढ़ाकर पुलिस जांच कर रही थी।
पहले ब्लेड की चर्चा, बाद में सब चुप
भास्कर टीम ने आरोपी विमल से हॉस्पिटल और थाने में बात करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस उसे मीडिया से बचाती रही। इस दौरान थाने में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटना के बाद युवक के पास ब्लेड होने की चर्चा भी चली थी। हालांकि पुलिस ने अधिकृत रूप से इस पर कोई बयान नहीं दिया है । पुलिस मीडियाकर्मियों को टॉयलेट तक जाने से भी रोक रही थी।
भास्कर टीम ने जब वहां जाकर देखा तो दीवारें खून से सनी थी, लेकिन शीट के होल में कूड़ा पड़ा था। इससे लग रहा था कि किसी ने टॉयलेट शीट के होल में कूड़ा डाल दिया, ताकि अगर उसमें नुकीली चीज भी हो तो भी नहीं निकाली जा सके।
पहले हालत नाजुक बताई, 15 मिनट बाद थाने ले आए
घटना के बाद भास्कर टीम भी एमजी अस्पताल पहुंची और घायल विमल से बात करने की काेशिश की। टीम जब आराेपी से बात करने नजदीक गई ताे थानाप्रभारी रामरूप सामने आ गए और बात करने से राेक दिया। डाॅक्टर का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि आरोपी की हालत नाजुक है। लेकिन इसके महज 15 मिनट बाद ही वह आराेपी काे थाने ले गए। वहां भी विमल काे मीडिया से दूर रखा। इसके बाद पुलिस कहने लगी कि हल्का सा कट लगा है और हाे सकता है नाखून से वार किया हाे।
डाॅक्टर और स्टाफ के बयान भी अलग-अलग
इस मामले में डाॅक्टर वारुलाल ने बताया कि मामूली सी खराेंच है और टांके नहीं लगे हैं। वहीं दूसरी ओर नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि उन्हाेंने ही िवमल के दाे टांके लगाए हैं। ऐसे में एमजी अस्पताल के स्टाफ के अलग-अलग बयान मामले की सत्यता काे छुपाने की ओर इशारा कर रहे हैं। आराेपी के माता-पिता का कहना है कि पुलिस ने उनकाे विमल के घायल हाेने की जानकारी नहीं दी। जब वह थाने पहुंचे ताे उन्हें विमल से िमलने नहीं दिया। दूर से ही दिखाते हुए बता दिया।
महिला कांस्टेबल चिल्लाते हुए दौड़ी, युवक खून से सना पड़ा था
श्यामनगर से चाेरी की रिपाेर्ट दर्ज कराने आए राजेंद्र सिंह ने बताया िक थाने के अंदर से एक महिला कांस्टेबल सर-सर चिल्लाते हुए दौड़ी। इस पर पुलिसकर्मियाें के साथ वह भी भीतर गया। देखा कि एक युवक खून से सना पड़ा था। युवक के गले से काफी खून निकल रहा था। वहां एक साहब ने कहा कि ऑटाे बुलाओ। घायल काे मैंने भी ऑटो में डालने में मदद की। उसे पुलिस अस्पताल ले गई।