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एंबुलेंस में हुई मौत की जांच रिपोर्ट सौंपी: अधिकारी बोले - PHC में मरा हुआ पहुंचा था पेशेंट, जांच में 108 को माना डिफाल्टर

Banswara
एंबुलेंस में हुई मौत की जांच रिपोर्ट सौंपी: अधिकारी बोले - PHC में मरा हुआ पहुंचा था पेशेंट, जांच में 108 को माना डिफाल्टर
@HelloBanswara - Banswara -

डीजल खत्म होने से एंबुलेंस में हुई मरीज की मौत के मामले की चिकित्सा विभाग ने जांच पूरी कर ली है। जोइंट डायरेक्टर उदयपुर के माध्यम से इस रिपोर्ट को शनिवार शाम निदेशालय भेजा गया। मृतक के परिवार, एंबुलेंस और घोड़ी तेजपुर PHC के नर्सिंग स्टाफ से पूछताछ के बाद विभाग ने जांच रिपोर्ट तैयार की। खुलासा किया कि सूरजपुरा (सेमलिया) जिला प्रतापगढ़ निवासी तेजिया गणावा (40) घोड़ी तेजपुर PHC पहुंचने से पहले ही मर चुका था। तेजिया करीब तीन दिन पहले उसकी बेटी के ससुराल भानपुरा थाना दानपुर आया था। वहां 23 नवंबर को खेत में ट्रैक्टर में घास भरी जा रही थी। तभी वह एकाएक जमीन पर गिर पड़ा। परिवार ने दामाद मुकेश मईड़ा को फोन किया, जिसने 108 एंबुलेंस को फोन किया। इसके बाद परिवार करीब सात KM पहाड़ी हिस्से से मरीज को मेन रोड पर एंबुलेंस तक लेकर पहुंचा।

घोड़ीतेजपुर PHC में नर्सिंग कर्मचारी से सवाल-जवाब करती मेडिकल टीम।
घोड़ीतेजपुर PHC में नर्सिंग कर्मचारी से सवाल-जवाब करती मेडिकल टीम।

इसके बाद एंबुलेंस घोड़ी तेजपुर PHC पहुंची, जहां डॉक्टर किसी सब सेंटर पर गया हुआ था। पीछे से नर्सिंग स्टाफ ने तेजिया की जांच की थी। वाइटल और लक्षण के हिसाब से मरीज की बीपी गिर गया था और पल्स भी नहीं आ रही थी। चूंकि डॉक्टर दूर था। इसलिए नर्सिंग स्टाफ ने डॉक्टर की सलाह पर मरीज को छोटी सरवन CHC के लिए रैफर किया था क्योंकि नर्सिंग ऑफिसर किसी मरीज को मृत घोषित नहीं कर सकता। इसलिए विभाग ने जांच रिपोर्ट में मरीज के एंबुलेंस में मरने की बात को स्वीकार नहीं कर रहा है।

23 नवंबर को रतलाम रोड पर डीजल खत्म होने के बाद बंद हुई एंबुलेंस। डीजल आने के इंतजार में खड़े रहे मृतक के परिजन।
23 नवंबर को रतलाम रोड पर डीजल खत्म होने के बाद बंद हुई एंबुलेंस। डीजल आने के इंतजार में खड़े रहे मृतक के परिजन।

CMHO बोले : 108 है डिफाल्टर
जांच रिपोर्ट का खुलासा करते हुए CMHO डॉ. एच.एल. ताबीयार ने बताया कि उनके अलावा PMO डॉ. खुशपालसिंह व RCHO डॉ. गणेश मईड़ा ने मौका स्थल से लेकर हर माध्यम की जांच की। पीड़ित परिवार और 108 स्टाफ की बातचीत में 108 एंबुलेंस स्टाफ डिफाल्टर मिला है। ये प्राथमिक जांच है, जिसकी उच्चाधिकारी तकनीकी जांच भी करा सकते हैं। साथ ही उच्चाधिकारी ही अगली कार्रवाई करेंगे। डॉ. ताबीयार ने बताया कि मौके के वीडियो एंबुलेंस को धक्का मारने और डीजल भरने के साक्ष्य बता रहे हैं। पीड़ित परिवार भी यही बात बता रहा है। लेकिन, एंबुलेंस स्टाफ डीजल खत्म होने की बात नहीं मान रहा। 108 स्टाफ एंबुलेंस की तकनीकी खामी बता रहे हैं।
108 का पूरा खाका बनाया
जांच टीम ने एंबुलेंस को कॉल कब गया। पहली एंबुलेंस मरीज को लेने कब पहुंची। कितनी देर बाद परिजन एंबुलेंस तक पहुंचे। एंबुलेंस मरीज को लेकर घोड़ी तेजपुर PHC कब पहुंचे। वहां से परिवार के कहने पर एंबुलेंस स्टाफ सीधे जिला अस्पताल के लिए पहुंचा। एंबुलेंस खराब होने के कितनी देर बाद दूसरी एंबुलेंस वहां पहुंची। ये सब जानकारी रिपोर्ट में शामिल की गई है।

अगर, डीजल खत्म नहीं हुआ था तो खराब हुई एंबुलेंस की लोकेशन से ऐसे फुटेज कहां से आए।
अगर, डीजल खत्म नहीं हुआ था तो खराब हुई एंबुलेंस की लोकेशन से ऐसे फुटेज कहां से आए।

पेट्रोलपंप से लिया था डीजल
इधर, मृतक तेजिया के दामाद मुकेश मईड़ा ने बताया कि एंबुलेंस में डीजल खत्म हुआ था। एंबुलेंस पायलेट के कहने पर वह बाइक से डीजल लेने गए थे। उस समय करीब दो बज रहे थे। जहां एंबुलेंस बंद पड़ी थी। वहां से सांई मंदिर के समीप पहले पेट्रोल पंप (भारत) से उन्होंने डीजल लिया था। इस समय बाइक पर उसके साथ मुकेश के अलावा उसकी बुआ के लड़के का लड़का लिंबोदा (घंटाली) निवासी केसरीमल भी था। मुकेश का कहना है कि उस समय पंप कर्मचारी हिसाब में लगा था। तब उसने खराब एंबुलेंस का हवाला देकर डीजल लिया था। पंप में लगे CCTV को खंगालने पर उनके वीडियो मिल जाएंगे।

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