भंडारिया में इतना कचरा कि माही की बांयीं मुख्य नहर में मिल रहा
बांसवाड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण में उदयपुर जैसा बांसवाड़ा को बनाने का दावा करनी वाली नगर परिषद के हाल गांवों से भी बदतर है। हर घर से कचरा तो उठाया जा रहा है, लेकिन उसका निस्तारण नहीं किया जा रहा है। नगर परिषद के दो डंपिंग यार्ड भंडारिया और धामनिया गांव में हैं। वहां कचरे के ढेर लगे हुए हैं। ये हालात तब है जब नगर परिषद हर माह 3 लाख रुपए देकर इंदौर की कंपनी से कचरा निस्तारण करा रही है।
धामनिया में परिषद ने एमआरएफ (मटेरियल रिकवर फेसिलिटी) सेंटर बना रखा है, जो व्यवसायिक और घरेलू कचरे का निस्तारण करता है। नगर परिषद ने इस वर्ष 2023-24 में इंदौर की कंपनी एक्सपर्ट ज्ञान प्राइवेट लिमिटेड को काम दिया। बताने को तो कंपनी ने यहां 15 श्रमिक भी लगाए हुए हैं। परिषद को कचरे का निस्तारण कर जीरो वेस्ट करना था, लेकिन लापरवाह अफसरों ने काम को ही जीरो कर दिया। सेंटर पर कचरा निस्तारण के लिए लगाई मशीन पिछले 6 माह से बंद है। जिस पट्टे से कचरा मशीन में जाता है, वह भी टूटा हुआ है। सेंटर के हालात देखकर लग रहा है कि वहां कई दिनों से कोई श्रमिक नहीं पहुंचा। इस कचरे से खाद बनाना था। इसके बाद बचने वाले वेस्ट को सीमेंट प्लांट में भेजना था।
स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 में परिषद 289 पायदान पर थी, लेकिन वर्ष 2023 में 298 रैंक मिली। 2023 की सर्वे में ओवरऑल अंक 7500 थे। इसमें से कचरा निस्तारण के लिए 1700 अंक मिलते हैं। इसमें से नगर परिषद को केवल 986 (58 फीसदी) अंक ही मिले। आज के समय अगर स्वच्छता सर्वे हो तो नगर परिषद को कचरा निस्तारण के लिए जीरो अंक िमलेंगे, क्योंकि कचरा निस्तारण नहीं हो रहा है। प्लांट बंद पड़े हैं और गायें कचरा खा रही हैं।
भंडारिया में कचरा सेंटर पर प्लास्टिक खा रही गायें। भंडारिया में कचरा सेंटर से भंगार ले जाते श्रमिक। कचरा निस्तारण नहीं, काम 0 किया, हर माह 3 लाख खर्च, 6 माह से प्लांट बंद ^कचरा निस्तारण किया जा रहा है। अभी दशहरे के कारण श्रमिक नहीं आए थे। भंडारिया डंपिंग यार्ड की मशीन खराब पड़ी है। -दीपक सारस्वत, मैनेजर, एक्सपर्ट ज्ञान प्राइवेट लिमिटेड भंडारिया में नगर परिषद के डंपिंग यार्ड के हालात तो बहुत ही ज्यादा खराब हैं। यार्ड के एक किलोमीटर तक बदबू फैली है।
यहां रहने वाले लोग भी इससे परेशान हैं। हालात ये है कि धामनिया सेंटर से भी कचरा भंडारिया यार्ड में फेंक रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि नगर परिषद के टिपर यहां कचरा फेंकते ही हैं। इसके अलावा ट्रैक्टर और डंपर भी महीने में एक से दो बार कचरा फेंकने आते हैं। अब यहां कचरा इतना ज्यादा हो गया है कि सिंचाई के लिए बनाई गई माही की बांयीं मुख्य नहर में मिल रहा है। यहां दिन भर मवेशी प्लास्टिक खा रहे हैं। वहीं यार्ड पर कचरा निस्तारण के लिए रखी मशीन पड़े-पड़े ही खराब हो गई। वहां कुछ कबाड़ी भी मौजूद थे, जो कचरे से प्लास्टिक ले जाकर भंगार में बेचते हैं।
^भंडारिया की मशीन की मुझे जानकारी नहीं है। अभी कचरा निस्तारण का टेंडर दूसरी कंपनी को दिया जाना है। इसी वजह से काम बंद हो। नवंबर में नया टेंडर होगा। -सोहेल शेख, आयुक्त, नगर परिषद 6 माह पहले धामनिया में कचरा निस्तारण केंद्र की मशीन में आने से बच्चे की मौत पर मशीन की बेल्ट खोली थी, तब से मशीन बंद है।