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शनैश्चरी अमावस्या आज, चार ग्रही योग और खंडग्रास सूर्यग्रहण भी

Banswara
शनैश्चरी अमावस्या आज, चार ग्रही योग और खंडग्रास सूर्यग्रहण भी
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शनि चालीसा पाठ, मंत्र जाप और दान-पुण्य करना होगा लाभकारी

ज्योतिषाचार्य पं. भवानी खंडेलवाल के अनुसार शनिश्चरी अमावस्या पर वृश्चिक राशि में चंद्र, सूर्य, बुध और केतु ग्रह होने से चार ग्रही योग का निर्माण हो जाएगा। दूसरे दिन रविवार को सूर्योदय से पूर्व सुबह 5.57 बजे मंगल ग्रह का वृश्चिक राशि में प्रवेश हो जाने से पंच ग्रही योग की भी निष्पत्ति हो रही है। यह पंच ग्रही योग रविवार को ही सुबह 7.46 बजे चंद्र ग्रह के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही समाप्त हो जाएगा। 10 दिसंबर को सुबह 4.05 बजे तक चार ग्रही योग (सूर्य, मंगल, बुध और केतु) रहेगा। बुध ग्रह धनु राशि में चला जाएगा, जिसके कारण चार ग्रही योग समाप्त हो जाएगा।

ऐसे प्रसन्न होते हैं शनिदेव : शनिदेव के बुरे प्रभाव से बचाव के लिए शनिवार को शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। हनुमानजी और भगवान शंकर की पूजा से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं। पीड़ा से शांति के लिए किसी भी शनि मंत्र की 11, 21 माला का जाप करना चाहिए। कुष्ठ रोगियों, निशक्तजनों की मदद, भोजन दान, वस्त्रदान कर शनि कृपा प्राप्त की जा सकती है। शनि मंदिर में सरसों, तिल्ली का तेल, काले तिल, लोहे का पात्र, काला कपड़ा, लौंग, उड़द, जूते-चप्पल, दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।

भारत में नहीं दिखेगा सूर्यग्रहण, नहीं होगा सूतक काल

साल का दूसरा और अंतिम सूर्यग्रहण शनैश्चरी अमावस्या पर 4 दिसंबर को है। यह ग्रहण खंडग्रास के रूप में अंटार्कटिका के कुछ भागों में, दक्षिण अफ्रीका में दिखाई देगा। ज्योतिषाचार्य खंडेलवाल के अनुसार ग्रहण वह जो दिखाई दे, जहां दिखाई देगा वहीं प्रभाव होगा। यह ग्रहण भारत में ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसके कोई धार्मिक प्रभाव भी नहीं हैं। सूतक काल नहीं होगा न ही मंदिरों के पट बंद होंगे।

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