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शर्मनाक... जिले के 1498 आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय नहीं, झोपड़ी बनाकर, झाड़ियों के आगे कपड़े बांध कर रहे जुगाड़

Banswara
शर्मनाक... जिले के 1498 आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय नहीं, झोपड़ी बनाकर, झाड़ियों के आगे कपड़े बांध कर रहे जुगाड़
@HelloBanswara - Banswara -

तस्वीर में दिख रही झोपड़ी शहर के पिपलोद में (वार्ड नंबर 1) स्थित आंगनबाड़ी केंद्र का शौचालय है। वहीं दूसरी तस्वीर इसी क्षेत्र के एक अन्य आंगनबाड़ी केंद्र की है, जहां झाड़ियों के चारों ओर कपड़े बांधे गए हैं। यह स्थिति एक या दो नहीं, बल्कि जिले के 1498 आंगनबाड़ी केंद्रों की है। जहां खुद के शौचालय नहीं होने से बच्चियों को झाड़ियों की ओट लेनी पड़ रही है।

यह स्थिति तब है जब केंद्र सरकार ओडीएफ स्कीम के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों को शौचालय सुविधा से जोड़ना चाहती है, लेकिन बांसवाड़ा में सरकारी मशीनरी की ढिलाई के चलते सरकार की मंशा पूरी होती नहीं दिख रही। भास्कर टीम ने 14 आंगनबाड़ी केंद्रों का जायजा लिया तो केंद्रों पर शौचालयों के अभाव में शर्मसार कर देने वाली स्थिति नजर आई।

आंगनबाड़ी केंद्र 2119 शौचालय नहीं 1498 बिजली नहीं 806 पीने का पानी नहीं 1010 पंजीकृत बच्चे 134318 (0 से 6 वर्ष तक।) सज्जनगढ़ ब्लॉक में कुल 253 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत हैं, लेकिन 6 केंद्रों में ही शौचालय की सुविधा है। वहीं बात बांसवाड़ा शहरी क्षेत्र की करें तो यहां 242 आंगनबाड़ियों में से 171 में शौचालय नहीं हैं।

इन केंद्रों में सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक बच्चों को पढ़ाया जाता है। ऐसे बिना शौचालय, बिजली और पानी के 4 घंटे तक न सिर्फ बच्चे, बल्कि आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता भी इस समस्या से जूझ रहीं है। बच्चे दूर की झाड़ियों, खुले मैदान या पड़ोस के घर में शौच करने जाते हैं।

इससे कई बार केंद्र से दूर जाने पर बच्चों की सुरक्षा का खतरा भी बना हुआ है। भवन भी जर्जर हो चुका है। भवन के ऊपरी छत के निचले हिस्से में कई जगह दरारें आ चुकी हैं। बरसात मेंं भवन से बारिश का पानी भी टपकने लगता है। स्थानीय निवासी किशनलाल ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र को दूसरे भवन में स्थानांतरित करने की जरूरत है।

भवन में कई जगह क्षतिग्रस्त हो चुका है, लेकिन इसकी मरम्मत भी नहीं कराई जा रही। कमोबेश यही स्थिति बांसवाड़ा शहरी-ग्रामीण क्षेत्र से लेकर आनंदपुरी, अरथूना, बागीदौरा, छोटी सरवन, गढ़ी, घाटोल, कुशलगढ़, सज्जनगढ़ और तलवाड़ा मेंं कई केंद्रों की है।

जहां शौचालय नहीं होने से बच्चियों को शौच के लिए झाड़ियों की ओट लेनी पड़ रही है। परियोजना बच्चे आनंदपुरी 7138 बागीदौरा 8683 बांसवाड़ा 5966 गंढी 5957 घाटोल 7104 कुशलगढ़ 10088 छोटी सरवन 5432 सज्जनगढ़ 8670 तलवाड़ा 3090 अरथूना 5029 { महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक विशाल दांतला का कहना है कि जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय निर्माण की जिम्मेदारी पंचायतीराज विभाग और जिला परिषद की है। उनसे समन्वय के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन धरातल पर केंद्रों पर सुविधा नहीं मिल पा रहीं।

{ जिला परिषद के सीईओ कैलाशचंद्र बारोलिया ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में ग्राम पंचायत के माध्यम से शौचालय का िनर्माण कराया जाएगा। महिला एवं बाल िवभाग की ओर से हमें 744 आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय बनाने की सूची मिली है।


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