बुवाई शुरू होने के साथ बीज का संकट:सोयाबीन की फसल के लिए 57 हजार 600 क्विंटल की तुलना में 4 हजार क्विंटल ही उपलब्ध
मानसून की दस्तक के साथ ही खेतों में फसल बुवाई की तैयारी शुरू हो गई है। लेकिन जिले में बीज संकट के आसार हैं। क्योंकि राजस्थान बीज निगम में दोनों की प्रमुख फसल में शुमार सोयाबीन और मक्का के बीजों की उपलब्धता आवश्यकता के अनुपात में 42 से लेकर 94 प्रतिशत तक कम है।
सोयाबीन की फसल के लिए 57 हजार 600 क्विंटल की तुलना में 4 हजार क्विंटल और मक्का के लिए 28750 क्विंटल की तुलना में 16660 क्विंटल बीज ही फिलहाल उपलब्ध है। इसके चलते समय पर बुवाई के लिए महंगे दामों में बाजार से बीज खरीदना किसानों की मजबूरी बनता दिख रहा है।
वहीं सरकार की किसी भी एजेंसी पर बीज आता ही नहीं है। जबकि चौथी बड़ी फसल उड़द है। जिसके लिए केवल 40 क्विंटल बीज की उपलब्ध है। जबकि जरूरत इससे ढाई गुने की है। सरकार की ओर से राजस्थान बीज निगम बीज उपलब्ध कराता है। निगम की कीमतों के मुकाबले बाजार का बीज कम से कम दो हजार रुपए प्रति क्विंटल महंगा है। दूसरा कई स्थानों पर प्रमाणिक बीज भी उपलब्ध नहीं है। गौरतलब है कि एक हेक्टेयर में 25 किलोग्राम बीज बोया जाता है। जबकि सोयाबीन की एक हैक्टेयर के लिए 80 किलोग्राम बीज उपलब्ध होता है।
संयंत्र प्रबंधक राजस्थान बीज निगम के दिनेश कुमार पारसिया का कहना है कि अभी निगम सस्ती दर पर बीज उपलब्ध करा रहा है। हमारे पास सोयाबीन का 4000 क्विंटल बीज उपलब्ध है। जबकि, मक्का का 600 क्विंटल ही है। शेष 16 हजार क्विंटल मिनी किट के रूप में वितरित कर चुके हैं।