21 सितंबर से खुल रहे स्कूल, इस राज्य ने तो बोल दिया ना
कोविड-19 के चलते मार्च से ही देशभर के स्कूल बंद हैं। केंद्र सरकार ने अनलॉक-4 में नौवीं से 12वीं तक के स्कूल खोलने की छूट दे दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी कर रखा है। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग और पर्सनल हायजीन के अलावा कई व्यवस्थागत नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन अनिवार्य किया गया है। फिलहाल स्कूलों के स्विमिंग पूल बंद रहेंगे और कोई असेंबली या स्पोर्ट्स ऐक्टिविटी भी नहीं होगी। क्लासेज में दो बच्चों के बीच 6 फीट की दूरी मेंटेन करनी होगी। हरियाणा, झारखंड, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों ने स्कूल खोलने का ऐलान कर दिया है। हालांकि केरल जैसे कई राज्य कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब भी हिचक रहे हैं। आइए जानते हैं कि राज्यों ने स्कूल खोलने पर क्या फैसला लिया है।
हरियाणा के सोनीपत में छह महीनों बाद, कक्षा 10 के 40 बच्चे स्कूल पहुंचे। यहां दो दिन तक कोविड-19 गाइडलाइंस के बीच स्कूल खोलने का ट्रायल किया जा रहा है। मास्क लगाए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बच्चों की स्कूल में एंट्री हुई। इसी वक्त उनके जूते सैनिटाइज किए गए, थर्मल स्क्रीनिंग हुई और फिर ऑटोमेटिक टच फ्री मशीनों के जरिए हैंड सैनिटाइज किए गए। क्लास में हर स्टूडेंट को अलग डेस्क दी गई थी और वे पानी की बोतलें खुद लेकर आए थे। टीचर ने भी मास्क लगाय था और चॉक-बोर्ड की जगह वाइटबोर्ड का यूज हुआ।
करनाल का एक स्कूल भी ट्रायल बेसिस पर क्लास चला चुका है। हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने दो स्कूलों का चयन ट्रायल के लिए किया था। यहां दो दिन तक वीडियोज बनाए जाएंगे। यही वीडियोज बाकी स्कूलों के बच्चों को दिखाकर समझाया जाएगा कि स्कूल में उनकी सुरक्षा के क्या इंतजाम होंगे।
उत्तरांखड में कोविड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में सरकार 21 सितंबर से स्कूलों को खोलने के मूड में नहीं दिख रही। सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक के अनुसार, अभी कोरोना संक्रमण की ताजा स्थिति का आकलन किया जा रहा है। अगर जरा भी संदेह रहा तो स्कूल नहीं खोले जाएंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सोमवार सुबह तक उत्तराखंड में कोरोना के 10 हजार से भी ज्यादा ऐक्टिव केस थे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन पूरी तरह खत्म कर दिया है। यहां स्कूल खोलने की तैयारी तो है लेकिन सरकार ने अंतिम फैसला नहीं किया है। डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा के मुताबिक, अलग-अलग जिलों में कोरोना की स्थितियों में फर्क है। उन्होंने कहा कि सरकार 15 सितंबर तक नजर रखेगी, उसके बाद स्कूल खोलने पर फैसला करेगी। यूपी में कोरोना के 68 हजार से ज्यादा ऐक्टिव केस हैं।
झारखंड सरकार ने केंद्र की गाइडलाइंस के मद्देनजर स्कूल खोलने की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य के शिक्षा मंत्री वैद्यनाथ महतो ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था चौपट हुई पड़ी है। उन्होंने कहा कि एक सर्वे से हमें पता चला कि शहरी इलाकों में केवल 27 फीसदी स्टूडेंट्स ही ऑनलाइन क्लास एक्सेस कर पा रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में हालात इससे भी खराब हैं।
दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों को 30 सितंबर तक बंद रखने का आदेश दिया है। हालांकि कक्षा 9 से 12 के छात्रों को स्कूल जाने की परमिशन है। इसके लिए उन्हें पैरंट्स की रिटेन परमिशन और टीचर्स से गाइडेंस लेना होगा। हालांकि दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए 9 से 12 तक के स्कूल खुलने की संभावना भी बेहद कम है।
बिहार में 30 सितंबर तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद हैं। हालांकि पटना डीएम ने कंटेनमेंट जोन के बाहर कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है। इसके लिए एसओपी भी जारी कर दिया गया है।
आंध्र प्रदेश की सरकार ने 21 तारीख से स्कूल खोलने की परमिशन दे दी है। स्कूलों में केंद्र की गाइडलाइंस के हिसाब से व्यवस्था करने की शुरुआत हो चुकी है। 50 पर्सेंट टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ को स्कूल बुलाया जाएगा। कंटेनमेंट जोन के बाहर रहने वाले स्टूडेंट्स को ही स्कूल आने दिया जाएगा।
केंद्र सरकार की क्या हैं गाइडलाइंस ? - सिर्फ उन्हीं स्कूलों को खुलने की इजाजत है जो कंटेनमेंट जोन में नहीं हैं। इस जोन से बाहर स्थित स्कूलों में भी उन शिक्षकों, कर्मचारियों व विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा जो कंटेनमेंट जोन में रहते हैं। वहीं, स्कूल जाने वाले स्टूडेंट्स, टीचर्स व स्टाफ को भी कंटेनमेंट जोन वाले क्षेत्रों में जाने की अनुमति नहीं होगी। केंद्र की ओर से जारी एसओपी के अहम बिंदु:
एक दूसरे से 6 फीट की दूरी बनाकर रखनी होगी।
फेस कवर या मास्क पहनना अनिवार्य है।
हाथ भले ही आपको गंदे न दिखें, फिर भी समय-समय पर साबुन से हाथ धुलना (कम से कम 40-60 सेकंड) जरूरी है। समय-समय पर अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का इस्तेमाल (कम से कम 20 सेकंड) जरूरी है।
छींकते, खांसते समय मुंह व नाक को टिशु, रुमाल या कोहनी से ढकना अनिवार्य है।
अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहेंगे। किसी भी तरह बीमार महसूस करने पर तुरंत संबंधित अधिकारी को सूचित करना होगा।
कैंपस में कहीं भी थूकना पूरी तरह वर्जित होगा।
जहां संभव हो आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल करना होगा।