स्कूल मालिक था टारगेट, सास पर बरसा दी थी गोलियां: बांसवाड़ा पुलिस का खुलासा- बांसवाड़ा के बड़े व्यापारी थे फिरौती गैंग के निशाने पर
![स्कूल मालिक था टारगेट, सास पर बरसा दी थी गोलियां: बांसवाड़ा पुलिस का खुलासा- बांसवाड़ा के बड़े व्यापारी थे फिरौती गैंग के निशाने पर](/imz/HGjlo99KLEDA9MOK25715HGjlo99KLEDA9MOK-25021182012.jpg)
बांसवाड़ा शहर के बड़े व्यापारी फिरौती गैंग के निशाने पर थे। यह खुलासा बांसवाड़ा पुलिस ने किया है। सास को गोली मारने वाले दामाद को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो मामले की पड़ताल करते हुए सामने आया कि कुछ बदमाश मिलकर बांसवाड़ा में फिरौती गैंग स्थापित करने वाले थे। वे बड़े व्यापारियों पर फायरिंग कर, धमका कर मोटी रकम वसूलने वाले थे। इसके लिए उन्होंने रेकी की और हथियार भी ले आए थे। इनमें से एक बदमाश ने पर्सनल झगड़े में सास को गोली मार दी थी।
डीएसपी गोपीचंद मीणा ने बताया- बांसवाड़ा के अगरपुरा में 21 दिसंबर 2024 में एक महिला को उसके दामाद अजय भोई ने तीन गोलियां मारी। इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। पुलिस इस मामले जांच कर रही थी। अजय भोई को गिरफ्तार कर पिस्टल के बारे में पूछा तो उसने दीपक भाटिया का नाम लिया। दीपक को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया तो उसने बताया कि पिस्टल सास को मारने के लिए नहीं, बल्कि शहर के नामचीन लोगों को टारगेट करने के लिए प्रतीक शर्मा नाम के व्यक्ति ने मुहैया कराई थी।
![पुलिस की गिरफ्त में तीनों आरोपी](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/02/10/whatsappvideo2025-02-10at101611am1-ezgifcom-resize_1739171432.gif)
टारगेट नहीं मिला तो सास पर बरसा दी गोलियां
डीएसपी गोपीचंद मीणा ने बताया- दीपक भाटिया ने रिमांड के दौरान बताया- अजय के निशाने पर बांसवाड़ा शहर के न्यू लुक स्कूल का मालिक दीप कोठारी था। उस पर फायरिंग के लिए अजय को पिस्टल और 8 कारतूस दिए थे। स्कूल मालिक को डराकर उसे नेपाल से लॉरेंस विश्नोई गैंग के नाम से फोन पर 2 करोड़ रुपए की फिरौती मांगनी थी और यहां अजय को उस पर फायरिंग करनी थी।
इसके लिए अजय भोई को 5 लाख रुपए में सुपारी दी गई थी। फायरिंग का स्थान भी तय किया था। स्कूल मालिक कार से रोजाना डूंगरपुर रोड (बाड़मेर) पर लोधा दरगाह के पास से गुजरता था। उसी स्थान पर उस पर फायरिंग करनी थी।फायरिंग का दिन 19 दिसंबर तय किया गया था।
लेकिन 19 और 20 दिसंबर को स्कूल मालिक वहां से नहीं गुजरा। तीसरे दिन 21 दिसंबर को अजय और उसके दो साथी सोयम और भाविक लोधा दरगाह पर स्कूल मालिक का इंतजार कर रहे थे। वे स्पोर्ट्स बाइक पर थे। स्कूल मालिक तीसरे दिन भी नहीं गुजरा तो अजय गुस्से में तिलमिला गया।
वह और उसके दोनों साथी बाइक से उसी दिन (21 दिसंबर) को अपने ससुराल (अरगपुरा, बांसवाड़ा) पहुंच गया। सास नंदा देवी ने उसकी पत्नी की दूसरी शादी कहीं और कर दी थी। इसलिए अजय सास से चिढ़ा बैठा था। उसने दरवाजे पर बैठी सास पर 3 गोलियां दागीं। वारदात के बाद तीनों फरार हो गए।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि स्कूल मालिक दीप कोठारी को डराने के बाद उनका दूसरा टारगेट शहर के ही पीएम ज्वेलर्स का मालिक था।
![डीएसपी गोपीचंद मीणा ने किया खुलासा।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/02/10/whatsappvideo2025-02-10at101612am2-ezgifcom-resize_1739172903.gif)
प्रतीक ने दीपक को इंदौर बुलाकर दी थी पिस्टल-कारतूस
डीएसपी गोपीचंद मीणा ने बताया- महिला की गोली मारकर हत्या के मामले में पुलिस को अजय भोई की तलाश थी। पुलिस ने उसे पकड़ा तो सबसे बड़ा सवाल था कि उसके पास पिस्टल कहां से आई। दीपक ने रिमांड में बताया कि बड़ी हस्तियों को डराकर वसूली करने की साजिश का मास्टर माइंड प्रतीक शर्मा पुत्र हितेंद्र था। प्रतीक बांसवाड़ा शहर के अरिहंत विहार, अगरपुरा का रहने वाला है।
प्रतीक ने साजिश में दीपक भाटिया को शामिल किया था। दीपक भाटिया ने फायरिंग के लिए आदतन बदमाश अजय भोई को 5 लाख की सुपारी में तैयार कर लिया था। अजय के साथ कालिका माता क्षेत्र निवासी मीतराज सिंह भी था। इसके बाद प्रतीक ने दीपक को इंदौर (मध्य प्रदेश) बुलाकर पिस्टल और 8 कारतूस दी थी।
उधर, सास को गोली मारने के बाद अजय भोई ने प्रतीक शर्मा को फोन कर पूरी घटना बताई। प्रतीक ने दीपक को फोन किया और कहा- अजय ने सब उल्टा कर दिया है। अब तू बांसवाड़ा छोड़ दे। पुलिस की पकड़ में नहीं आना है।
पत्नी-बेटी को लेकर नेपाल भागा दीपक भाटिया
दीपक भाटिया अपनी पत्नी और बेटी को लेकर 21 दिसंबर (जिस दिन वारदात हुई) की रात को ही निकल गया। दीपक भाटिया इंदौर पहुंचा। यहां से आगरा, लखनऊ और गोरखपुर (यूपी) के होटलों में रुका। गोरखपुर से नेपाल बॉर्डर पर बसे सुनोली गांव होते हुए वह भुटवल (नेपाल) तक पहुंच गया।
नेपाल से वह पटना (बिहार) और जयपुर भी आया था। फरारी के दौरान उसका सारा खर्च प्रतीक ने ऑनलाइन पेमेंट कर उठाया था। करीब डेढ़ लाख रुपए कुल खर्च हुआ था।
पुलिस ने दीपक भाटिया, अजय भोई और मीतराज को गिरफ्तार कर लिया। अजय के खिलाफ बांसवाड़ा में अपहरण, हत्या, मारपीट समेत अन्य धाराओं में कई मामले दर्ज हैं। मुख्य आरोपी प्रतीक और उसके दो साथी अभी फरार हैं।
![बांसवाड़ा जिले की राजतालाब पुलिस ने आरोपियों को किया था गिरफ्तार।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/02/10/whatsappvideo2025-02-10at101612am3-ezgifcom-resize_1739172931.gif)
दीपक ने बताया- मध्यप्रदेश में ठेकेदारी करता है प्रतीक
पुलिस रिमांड पर दीपक भाटिया ने खुलासा किया है कि मुख्य आरोपी प्रतीक शर्मा बांसवाड़ा में रहने के साथ ही मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में भी रहता है। वह वहां पर पीडब्ल्यूडी की ठेकेदारी और खदानों का काम करता है। उसके साथ पन्ना के ही रणजीत और देवेंद्र नाम के व्यक्ति रहते हैं, ये मध्यप्रदेश में अपना दबदबा बताते हैं।
काम के सिलसिले में ही उसकी प्रतीक से जान-पहचान हुई थी। 21 दिसंबर से 10 दिन पहले प्रतीक अपने दोनों साथियों के साथ बांसवाड़ा आया था, तीनों ने दीप कोठारी और पीएम ज्वेलर्स के मालिक की चार-पांच दिन रेकी की थी। 18 दिसंबर को प्रतीक से उसे समाई माता पहाड़ी पर बुलाया और अजय भोई से फायरिंग करने का सौदा तय करने की बात की।
अजय ने 5 लाख रुपए मांगे, तो प्रतीक ने हामी भी दी थी। इसके बाद प्रतीक ने उसे इंदौर बुलाकर 8 कारतूस और पिस्टल दी थी।
बड़ी फर्मों से वसूली और फिरौती का था टारगेट
उसने घटना के दो दिन पहले ही अजय को पिस्टल और फायरिंग करने का स्थान बताया था। इसी आधार पर वह रेकी कर रहे थे। 19-20 दिसंबर को फायरिंग करने के लिए इंतजार भी किया। प्रतीक ने दीपक को बताया कि कोठारी पर फायर करने के बाद और भी बड़ी-बड़ी फर्मों से वसूली और फिरौती लेनी है।
बड़ी अच्छी वसूली होने पर प्रतीक ने दीपक को बांसवाड़ा में नया मकान बनाकर देने का भी वादा किया था। साजिश के अनुसार प्रतीक रेकी के लिए न्यू लुक स्कूल और उनके रॉयल केसरी गार्डन भी गया। वहां पर चौकीदार से स्कूल मालिक का मोबाइल नंबर लिया था।
उसके पास कोठारी की कार और इससे संबंधित फोटो और वीडियो थे, जो उसने दीपक को मोबाइल पर भेज दिए थे। इसी तरह उन्होंने पीएम गोल्ड के मालिक की भी रेकी की थी। प्रतीक को यह डर था कि दीपक पुलिस के हाथ लग जाएगा। इसलिए उसने उसको बाहर भेज दिया।
इंस्टाग्राम पर करते थे आपस में बात
दीपक पूरा खर्च भी प्रतीक ने ही उठाया। प्रतीक, अजय, दीपक, मीतराज सिंह हमेशा मोबाइल पर बात करने की बजाय इंस्टाग्राम पर बात करते थे। अजय ने उसकी पत्नी गुंजन के नाम से एक आईडी बनाकर रखी थी। यह लोग उसी पर आपस में बातचीत करते थे। अब पुलिस ने इस मामले में प्रतीक, रणजीत, देवेंद्र, अजय, दीपक, मीतराज सिंह, सौयम और भाविक वैष्णव के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 55 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।