वेतन-पेंशन अटकी: रोडवेज में अनुबंधित ड्राइवरों का ठेका इसी माह खत्म, 13 चालक हटेंगे, कई रूट होंगे बंद
हालांकि नई एजेंसी के अंडर में भी ये चालक काम कर सकते हैं, लेकिन आदेश आना बाकी है। अधिकांश डिपो में लगे इन अनुबंधित चालकों काे अक्टूबर से संबंधित एजेंसी द्वारा मानदेय नहीं दिया जा रहा है, जबकि रोडवेज मुख्यालय से इनके नाम पर एजेंसी ने पैसा उठा लिया। चालकों की शिकायत के बाद निगम मुख्यालय ने एजेंसी काे नोटिस जारी करने के साथ उसकी सिक्योरिटी राशि भी होल्ड कर दी। ऐसे हालात में यदि सेवाएं बंद हो गईं तो रोडवेज भी संकट में आएगा।
बांसवाड़ा डिपो में 25 चालकों के पद पहले से रिक्त चल रहे हैं। साथ ही रोडवेज में न तो कर्मचारियों को समय पर तनख्वाह मिल रही और न सेवानिवृत्त कर्मचारियों काे पेंशन मिल रही है। जनवरी से पेंशन नहीं मिलने से आर्थिक समस्या से परेशान है। इसी प्रकार सेवारत कार्मिकों काे फरवरी का वेतन अब तक नहीं मिला।
नई भर्ती नहीं होने से कर्मचारियों और बसों की कमी से संचालन में भी कटाैती
रोडवेज में लंबे समय से नई भर्ती नहीं हुई। कर्मचारियों की संख्या लगातार घटती जा रही है। अकेले बांसवाड़ा डिपो में 40 से ज्यादा परिचालकों के पद रिक्त हैं। बेडे में बसों की भी कमी है। कोरोना काल से पहले 75 शेड्यूल थे, लेकिन कर्मचारियों व बसों की कमी से 48 शिड्यूल ही संचालित हो रहे हैं। आगार के पास वर्तमान में 53 बसें हैं। करीब 15 बसें अाैर चाहिए। इस कारण से रोडवेज प्रशासन ने 20 शिड्यूल बंद कर दिए।
रोडवेजकर्मी 30 जून तक चुन सकेंगे ओपीएस का विकल्प
राजस्थान रोडवेज कर्मचारियों को सरकार ने ओपीएस का विकल्प भरने का दोबारा मौका दिया। एमडी नथमल डिडेल ने आदेश जारी करते हुए 30 जून तक का मौका दिया। इससे रोडवेज के करीब 6 हजार कर्मचारियों (रिटायर्ड हो चुके कर्मचारी भी) को फायदा होगा। इसमें बांसवाड़ा आगार के भी करीब 45 से ज्यादा सेवानिवृत्त कर्मचारियों काे फायदा हाेगा।