पट्टा वितरण को लेकर राजनीति गरमाई:तलवाड़ा प्रधान शिविर से खफा होकर निकली, गढ़ी प्रधान ने बांटे पट्टे, BDO बोले, हमारी गलती नहीं, कांग्रेस-भाजपा में ठनी

गढ़ी प्रधान ने बांटे पट्टे, BDO बोले, हमारी गलती नहीं, कांग्रेस-भाजपा में ठनी
कूपड़ा ग्राम पंचायत में प्रशासन गांवों के संग अभियान बुधवार को राजनीतिज्ञों के अखाड़े का केंद्र बन गया। शिविर में पट्टा वितरण को लेकर कांग्रेस और भाजपा की सियायत यहां तब गरमा गई, जब तलवाड़ा पंचायत समिति के अधिकार क्षेत्र वाले शिविर में गढ़ी प्रधान एवं पूर्व विधायक कांता भील ने मंच पर लोगों के बीच पट्टे बांट दिए।
इसके बाद कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच यहां कहासुनी का दौर शुरू हो गया। भाजपा ने प्रशासनिक जिम्मेदारों पर तलवाड़ा प्रधान निर्मला की अनदेखी करने के आरोप लगाए। भाजपा यह कहने से नहीं चूकीं कि प्रशासन की ओर से प्रधान कांता को शिविर में आने का न्यौता दिया गया था। दूसरी ओर प्रशासनिक जिम्मेदार इस पूरे मामले को जबरदस्ती का राजनीतिक मुद्दा बनाने की दलीलें देते दिखाई दिए। शिविर के दौरान SDM पर्वत सिंह चूण्डावत दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं को शांति बनाए रखने की दलीलें देते दिखाई दिए।

प्रधान की अनुपस्थिति में बांट दिए 200 पट्टे
तलवाड़ा पंचायत समिति के अधीन कूपड़ा ग्राम पंचायत में आयोजित शिविर में बुधवार को करीब 200 पट्टे बांटे गए। सरकारी गाइड लाइन के हिसाब से पट्टा वितरण उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि के हिसाब से होना चाहिए। लेकिन, यहां गढ़ी प्रधान कांता, उपखण्ड अधिकारी चूण्डावत, BDO रमेशचंद्र मीणा एवं अन्य सरपंचों ने यहां मूल प्रधान निर्मला के अभाव में लोगों को पट्टे बांट दिए। SDM चूण्डावत के साथ प्रधान कांता ने मौके पर करीब 20 पट्टे बांटे।

इसलिए चिढ़ गई प्रधान निर्मला
भाजपा का आरोप है कि प्रधान निर्मला शिविर में सुबह 11 बजे पहुंची थीं। करीब 12.30 बजे तक शिविर में रही, लेकिन प्रशासनिक जिम्मेदारों ने उन्हें पट्टा वितरण नहीं करने दिया। उल्टा कांता के आने का इंतजार करने की दलील दी। प्रशासनिक अधिकारियों ने गढ़ी प्रधान को जानबूझकर शिविर में बुलाया। खुद का अपमान होता देख प्रधान निर्मला शिविर से निकल गई। इसके तुरंत बाद प्रशासन ने प्रधान कांता की उपस्थिति में पट्टा वितरण कराया।

सफलताओं से नाखुश
प्रधान निर्मला ने कहा कि तलवाड़ा पंचायत समिति में सभी काम विधिवत हो रहे हैं। इस बात से कांग्रेसी नाराज हैं। उन्हें कोई मौका नहीं मिल रहा है। प्रशासनिक जिम्मेदारों ने जानबूझकर कांता भील को शिविर में बुलाया। रही बात नमस्ते करने की तो वह कभी कांग्रेसियों को नमस्ते नहीं करेंगी। उन्होंने बोला की संस्कारों की बात करने वाले खुद अपनी गिरेबां में झांक ले। उन्हें बताने की आवश्यकता नहीं है।

नमस्ते भी नहीं करती
इधर, गढ़ी प्रधान कांता भील ने बताया कि वह गढ़ी विधायक रही हैं। चुनाव हारते समय भी 75 हजार वोट मिले थे। उनका तो पूरा क्षेत्र कार्य का हिस्सा हैं। जनप्रतिनिधि के नाते वह किसी भी शिविर में जा सकती हैं। प्रधान निर्मला तो बाहर से आने वाले जनप्रतिनिधियों को नमस्ते भी नहीं करतीं। निर्मला खुद शिविर छोड़कर गई थी। मैं तो मौके पर साढ़े 3 बजे तक रुकी थी। कौन कहता है कार्यक्रम में मैंने माला पहनी है।
BDO का ऐसा जवाब
मामले में BDO रमेशचंद्र ने बताया कि प्रशासन गांवों के संग अभियान में अब तक हुए सभी शिविरों में प्रधान निर्मला से ही पट्टा वितरण कराया है। वह शिविर छोड़कर चली गई। उन्होंने जाने से पहले भी कोई बात नहीं कही। इसमें हमारी कोई गलती नहीं है। पट्टाें का जनप्रतिनिधियों से वितरण करना सरकारी गाइड लाइन है। पंचायत समिति प्रशासन की ओर से कांता गरासिया को कोई न्यौता नहीं दिया गया। कोई आ जाए तो उसे लौटा नहीं सकते हैं।
