एएसपी को देख हरकत में आए पुलिस के जवान, एक घंटे में ही 4 कारें और 12 दुपहिया जब्त कर पहुंचाए कोतवाली
करीब एक माह से लॉकडाउन ड्यूटी में तैनात पुलिस जवानों की थकान कस्टम चौराहे पर गुरुवार दोपहर को उस समय दूर होती हुई दिखी, जब एडिशनल एसपी कैलाश सांदू खुद सड़क पर खड़े होकर वाहन सवारों को रोकने लगे।
दोपहर से पहले तक सुस्ता रहे पुलिस जवानों में एएसपी की मौजूदगी का असर इस तरह दिखा कि आम दिनों में जिस शहरवासी को वह आते-जाते आगे होकर नमस्ते करते थे। उनके वाहनों को धरने में उन्होंने एक मिनट की देरी नहीं लगाई। सभी पहचान, दोस्ती और रिश्तेदारी भुलाकर सीधे कार्रवाई के मोड में दिखाई दिए।
जवानों की इस कार्रवाई से मिलने वाले वाहन सवार भी अचरज में दिखाई दिए। तभी दबे मुंह से पुलिस जवान साहब की मौजूदगी का इशारा कर मजबूरी बताते दिखाई दिए। एएसपी के हाथ की छड़ी का वाहन सवारों पर भले ही सीधा असर नहीं हुआ हो, लेकिन छड़ी की हर हलचल पुलिस जवानों को चेताती रही।
यही कारण है कि लगभग 60 मिनट की कार्रवाई में पुलिस ने मौके से चार कारें जब्त कीं। वहीं 12 दुपहिया वाहनों को जब्त कर सीधे कोतवाली पहुंचा दिया। पुलिस के शिकंजे में घिरता हुआ हर वाहन सवार बहाने बनाता दिखा, लेकिन अफसर की मौजूदगी के आगे उनके सभी प्रयास बेकार दिखाई दिए। मौजूद पुलिस जवानों ने भी पहचान से मुंह फेर लिया। इससे पहले एएसपी ने मोहन कॉलोनी में भी ऐसी ही कार्रवाई कराई थी।
हर मिनट का पूछा हिसाब
यहां पुलिस कार्रवाई में खास बात यह सामने आई कि पकड़ा गया हर वाहन सवार उसे दुकान और व्यापार बंद कर आने की बात कहता दिखा। तब पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में जवान पकड़े गए वाहन सवार से यह पूछते दिखे कि 11 बजे लॉकडाउन अवधि खत्म हो गई। इसके बाद वह ओजरिया मंडी क्षेत्र से चला। वहां से कस्टम की दूरी पांच किलोमीटर है। ऐसे में वाहन से ये दूरी 15 मिनट में पूरी होती है, लेकिन वह एक घंटे बाद क्यो आ रहा है। इसे लेकर फिर से वाहन सवार नया बहाना बनाते दिखे, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं सुनी।
मोहन कॉलोनी और प्रताप सर्किल
इधर, आरपीएस जेठू सिंह ने माेहन कॉलोनी और प्रताप सर्किल पर वाहन सवारों के बीच धूम मचाए रखी। बिना कुछ सुने यहां भी बड़ी संख्या में लोगों के वाहन उठवाए। हजारों रुपए के चालान की वसूली की। मौके पर एकबारगी भगदड़ सा माहौल बन गया। लेकिन, कार्रवाई में बहानेबाजी से हटकर मजबूर लोग भी शिकार हो गए।
हकीकत में वैक्सीन लगवाने गए दुपहिया सवार भी जेब ढीली करते देखे गए। हॉस्पिटल से लौट रहे लोगों की भी पुलिस के आगे कुछ नहीं चली। आए दिन के बहानेबाजी सुनकर यहां की पुलिस अब सच बोलने वाले को भी झूठा मानकर धरपकड़ करती रही। दोपहर बाद मोहन कॉलोनी चौराहे पर सीआई मोतीराम सारण ने मोर्चा संभाल लिया। इसके चलते कई घंटों तक इन जगहों से लोग इधर-उधर भागते दिखाई दिए।
मोबाइल ही मंगवा लिए
कस्टम इलाके में कार्रवाई के लिए पहुंचे एएसपी ने पेड़ के नीचे बंधे पंडाल में कुर्सी लगाए बैठे कुछ जवानों को मोबाइल चलाते हुए देख लिया। यह देख उनका गुस्सा और बढ़ गया। वाहन सवारों को कुछ कहने से पहले उन्होंने पुलिस जवानों को सुनाई। यह कहते भी दिखे कि ड्यूटी करने आए हो या मोबाइल चलाने। बस क्या था...एएसपी ने दो जवानों से उनके मोबाइल मंगवा लिए और अपने पास रख लिया। इसके बाद पुलिस के जवान जोशीले अंदाज में कार्रवाई करते दिखे। शायद यह जवान मौजूद अधिकारी को खुश कर मोबाइल लेने के फेर में दूसरों की अपेक्षा ज्यादा मदद करते दिखे।