नेशनल हाईवे 56 का काफी भाग धंसा

नेशनल हाईवे 56 की सीमा बांसवाड़ा जिले के पाड़ी से बड़ोदिया, कलिंजरा हाेकर दाहाेद-गाेधरा-वापी तक है। वहीं नेशनल हाईवे 56 के परियोजना निदेशक का कार्यालय गोधरा में है।
यही कारण है कि पाड़ी से लेकर राजस्थान राज्य के बांसवाड़ा जिले की सीमा में नेशनल हाईवे 56 की खासी दुर्दशा हो गई है। पाड़ी से लेकर बड़ोदिया होते हुए घोटिया आंबा मोड़ तक नेशनल हाईवे के दाहोद जाने वाले मार्ग की लंबी पट्टी में दरार और एनएच का धंसा हुआ भाग देखा जा सकता है। नेशनल हाईवे पर ओवर लोड वाहनों के संचालन से और इसके निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग करने से पाड़ी से लेकर मोना डूंगर तक एनएच की राइडिंग क्वालिटी विभाग के मापदंडों के अनुरूप नहीं है। वहीं गुजरात के गोधरा में एनएच 56 का ऑफिस होने और ठेकेदार के भी गुजरात अहमदाबाद के होने के कारण वे भी यहां पर एनएच के रखरखाव और इसकी राइडिंग क्वालिटी मेंटेन करने पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इतना ही नहीं एनएच 56 का काफी भाग बांसवाड़ा में होने के बावजूद एनएच 56 के परियोजना निदेशक हर सोमवार की बैठक में कलेक्ट्रेट सभागार मेें जिला कलेक्टर की मौजूदगी में होने वाली मीटिंग में भी नहीं आते हैं। यही कारण है कि राजस्थान को गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र से जोड़ने जाेड़ने वाले इस महत्वपूर्ण नेशनल हाईवे की हालत दिनों दिन बद से बदतर होती जा रही है। कुछ वर्ष पूर्व बना ये नेशनल हाईवे की हालत अब ये है कि इसका काफी हिस्सा धंस चुका है और सड़क में क्रेक आ गए हैं। लेकिन गुजरात के अधिकारी और ठेकेदार नेशनल हाईवे के ठेकेदार से रखरखाव नहीं करवा कर किसी बी और सी ग्रेड के ठेकेदार से पेचवर्क करवा कर काम निकाल रहे हैं।
