बांसवाड़ा में रिश्वत लेते सीआई और दलाल वकील गिरफ्तार:कुर्की आदेश में संपत्ति जब्त नहीं करने के एवज में सीआई के दलाल वकील ने पहले 1, अब 2.50 लाख लिए

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने साढ़े 3 लाख रिश्वत लेने के आरोप में गुरुवार को राजतालाब थानाधिकारी सीआई दिलीपसिंह चारण और दलाली कर रहे वकील शरीफ खान को गिरफ्तार किया है। आरोपी शरीफ ने एक दिन पहले परिवादी महिला से राजतालाब थाना परिसर में एक लाख और फिर बाकी के 2.50 लाख रुपए परिवादी के घर जाकर लिए। इसी दौरान एसीबी ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ के बाद सीआई दिलीप को भी टीम ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि आरोपी वकील को दोपहर करीब दो बजे ही टीम ने पकड़ लिया था, लेकिन सीआई की गिरफ्तारी और पूरा खुलासा एसीबी ने रात 11 बजे के करीब किया। रिश्वत लेते पकड़ा गया वकील प्रैक्टिस नहीं कर रहा था, लेकिन वह सीआई का नजदीकी था और रिश्वत की राशि तय करने और बिचौलिए का काम कर रहा था। एसीबी के एएसपी ऋषिकेश मीना ने बताया कि हमें शिकायत मिली थी। इसमें बताया कि परिवादिया और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ पुलिस थाना राजतालाब की ओर से संपत्ति कुर्की की कार्रवाई करते हुए उनके वाहन जब्त किए। शेष बचे हुए वाहनों और संपत्ति को जब्त नहीं करने और भविष्य में परेशान नहीं करने की एवज में सीआई ने दलाल शरीफ खान वकील के जरिए 6.50 लाख रुपए की मांग कर परेशान कर रहे हैं। शिकायत पर 22 और 23 अप्रैल को सत्यापन कराया। इसमें आरोपी दलाल 3.50 लाख रुपए रिश्वत राशि लेने पर सहमत हो गया। इस पर बुधवार को 1 लाख रुपए सत्यापन के दौरान राजतालाब पुलिस थाना परिसर में परिवादिया से लिए। सत्यापन में पुष्टि के बाद गुरुवार को आरोपी दलाल शरीफ बाकी के 2.50 लाख रिश्त राशि लेने परिवादिया के घर पहुंचा। यहां एसीबी की टीम पहले से निगरानी रखे हुए थी। परिवादिया से सीआई दिलीपसिंह के लिए रिश्वत राशि लेने पर टीम ने दलाल को पकड़ लिया। इसके बाद टीम रिजर्व पुलिस लाइन सीआई के क्वार्टर भी पहुंची। जहां तलाशी और अन्य कार्रवाई की प्रक्रिया चली। दोपहर को हुई ट्रैपिंग की कार्रवाई के बाद एसीबी की टीम को सीआई की गिरफ्तारी दिखाने में रात 11 बज गए। एसीबी मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर जांच कर रही है।
जयपुर के सूत्र बताते हैं कि सीआई दिलीपसिंह के खिलाफ पहले भी एक परिवादी ने जयपुर एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें परिवादी ने अपनी जमीन पर भूमाफियाओं के कब्जा कर लेने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया कि सीआई ने परिवादी को थाने पर बुलाया और कब्जे हटवाने के लिए प्रति प्लॉट एक लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। इस पर परिवादी ने इसकी शिकायत एसीबी जयपुर में की, इसके बाद टीम 17 जनवरी को बांसवाड़ा भी आई थी, लेकिन सत्यापन में इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। करीब 2 घंटे तक एसीबी दुकान के पास खड़ी रही। इस दौरान परिवादी रुपए लेकर सीआई चारण को देने गया था, लेकिन चारण को भनक लगने से उसने पैसा लेने से मना कर दिया। इस कारण ट्रेप फेल हो गया। यह मामला थाने में दर्ज मुकदमा नंबर 0247/2024 से जुड़ा हुआ है। दूसरी ओर सीआई चारण की पुलिस के एक अफसर से इतने अंदर के और गहरे ताल्लुकात हैं कि 15 जनवरी को थाने से उदयपुर जिले में तबादला होने के बावजूद वह अब तक रिलीव नहीं हुआ है। रिलीव नहीं होने का मुद्दा करीब 20 दिन पहले भी उठा था, लेकिन एक बार फिर से मामले को दबा दिया गया।
परिवादी ने कोर्ट में बताया था कि राजतालाब पुलिस थाने से मेरे और परिजनों के विरुद्ध कोर्ट का संपत्ति कुर्की का पत्र प्राप्त हुआ। इसमें 25 मार्च तक कोर्ट में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया। इस नोटिस में राजतालाब पुलिस ने मुझ पर यह आरोप लगाया था कि मैंने अवैध तरीके से संपत्ति खरीदी थी। जिसके मुकदमें मुझ पर दर्ज हैं।
इस मामले में मैंने कोर्ट में अपना स्पष्टीकरण भी दिया। मेरे पर जो मुकदमें दर्ज हुए हैं, वह वर्ष 2019 के बाद के हैं। मैंने एक प्लॉट वर्ष 2012 में 1.25 लाख रुपए में खरीदा और इस पर वर्ष 2013 में निर्माण शुरू करवाया। दो मंजिला मकान से 6 हजार रुपए किराया आता है। पुलिस ने झूठ और मिथ्या तथ्य पेश किए। मैं 15 वर्षों से ब्यूटी पार्लर का काम कर रही हूं। मुझ पर जो 4 मुकदमें धमकाने और रुपए उधार देने के मामले से संबंधित है। इससे स्पष्ट है कि मैने रुपए देकर कोई अपराध नहीं किया है।
ब्यूटी पार्लर से 60 हजार रुपए मासिक और शादी के सीजन में 2 लाख रुपए तक कमा लेती हूं। परिवादिया ने बताया कि उस पर धारा 107 बीएनएस की कार्रवाई करने के लिए पुलिस ने कोर्ट में इस्तगासा पेश किया, जबकि उस पर दर्ज मुकदमें अभी कोर्ट में विचाराधीन है। इस मामले में परिवादी एक महिला है। इसके खिलाफ 4 मामले दर्ज हैं। इसकी अन्य बहनों के खिलाफ भी अलग-अलग पुलिस थानों में कई मामले दर्ज हैं।
