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यात्री और मरीज अपनी सुरक्षा खुद करें...क्योंकि-पुलिस के पास जवानों की कमी है, इसलिए 3 पुलिस चौकियों पर 1 महीने से ताला

Banswara
यात्री और मरीज अपनी सुरक्षा खुद करें...क्योंकि-पुलिस के पास जवानों की कमी है, इसलिए 3 पुलिस चौकियों पर 1 महीने से ताला
@HelloBanswara - Banswara -

मुसिबत में हैं ताे यहां मांग सकते हैं मदद-बेसिक नंबर 02962-242615 और सीआई रतनसिंह- 9571730911

सावधान! आप एमजी अस्पताल जा रहे हैं...या राेडवेज बस स्टैंड...। आप की सुरक्षा आपके हाथ में है। क्योंकि-यहां अब आप पुलिस को ढूंढते रह जाओंगे, लेकिन नहीं मिलेगी। पुलिस ने एमजी अस्पताल, रोडवेज बस स्टैंड व पुराने बस स्टैंड से पुलिस चौकी हटा ली है। अब यहां पुलिस जवानों की रेगुलर ड्यूटी नहीं है। दैनिक भास्कर ने तीनों जगह का दौरा किया तो यहां ताले लगे थे। किसी भी आपात स्थिति में मरीजाें व यात्रियों काे काेतवाली पुलिस थाने के ही चक्कर काटने पड़ेंगे। भास्कर ने जब यात्री बनकर काेतवाली थाने में काॅल किया ताे जवाब मिला कि अगर शिकायत दर्ज करानी है ताे थाने ही आना पड़ेगा। पुलिस का तर्क है कि उनके पास पुलिस जाब्ते की कमी है। इसलिए चौकी चलाना मुश्किल है।

एमजी अस्पताल : कोतवाली पुलिस तक सूचना देरी से पहुंच रही

एमजी अस्पताल में चौकी का दरवाजा खुला था, लेकिन कोई सिपाही नहीं था।


{यहां एक महीने से किसी पुलिसकर्मी की ड्यूटी नहीं लगाई जा रही है। संदिग्ध हालत में किसी की माैत पर बिना पाेस्टमार्टम के ही शव ले जाने की आशंका बढ़ गई है। पिछले दिनाें ऐसा मामला सामने भी आया था, जिसके बाद हैड कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया था। यहां वार्डाें में हर वक्त करीब 400 मरीज भर्ती रहते हैं। इतनी संख्या परिजनों की हाेती है। राेजाना 700 से 800 की औसतन आेपीडी है।


इसलिए जरूरी : चाैकी पर पुलिसकर्मी हाेने से वह लगातार यहां तैनात निजी फर्म के सुरक्षा कर्मियाें से काॅर्डिनेट रखता है। इसके अलावा किसी भी घटना पर तत्काल काेतवाली पुलिस काे खबर देकर अतिरिक्त जाब्ता बुला लेता है। वहीं प्रशासन को भी सूचना पहुंचती है। अब सूचना कोतवाली को समय पर नहीं मिल पाती। बीते दिनों थापड़ा पुल पर हुई बस दुर्घटना में भी कोतवाली को समय पर नहीं मिली थी।

 

 रोडवेज ने कहा-यात्रियों के लिए चौकी बेहद जरूरी

रोडवेज बस स्टैंड पर चौकी के दरवाजे पर लगा ताला।



पुराने और नए बस स्टैंड पर बनी पुलिस चाैकियाें पर ताले लगे मिले। यहां रोजाना करीब 4 हजार यात्रियों का आना-जाना लगा रहता है। इनमें राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश और गुजरात के यात्री भी हाेते हैं। रोडवेज के मुख्य प्रबंधक ताराचंद आजाद कहते हैं कि फिलहाल किसी भी बड़ी घटना पर कांस्टेबल लेखाराम से संपर्क कर उन्हें बुलाते हैं, लेकिन चौकी में स्थाई रूप से सिपाही की सख्त आवश्यकता है।


इसलिए जरूरी : जिला केंद्र होने से बस अड्डे पर हमेशा भीड़-भाड़ रहती है। क्योंकि यहां से आने-जाने के लिए एकमात्र सड़क मार्ग की ही सुविधा है। इसी वजह से सवारियों को लेकर यहां आए दिन प्राइवेट टैक्सी चालक अवैध तरीके से घुसपैठ कर सवारियों को लेकर हंगामा करते हैं, जिसके लिए रोडवेज के कर्मचारियों को जाकर मामला शांत कराना पड़ता है। इससे कामकाज प्रभावित होता है।

जाब्ते की कमी है, इसलिए ड्यूटी नहीं लगा रहे : कोतवाल
काेतवााल रतनसिंह का कहना है कि उनके पास जाब्ते की कमी है। इसलिए चाैकियाें पर जवानाें की ड्यूटी नहीं लगा रहे। वहीं, डीएसपी सूर्यवीरसिंह ने कहा कि तीनाें ही जगहाें पर दिनभर बड़ी संख्या में लाेगाें की आवाजाही लगी रहती है। इस संबंध में जानकारी मिली है ताे निश्चित ही व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

{जरूरत क्योंकि : एमजी अस्पताल में राेजाना औसत 2200 से भी ज्यादा मरीज, उनके परिजन और दाेनाें बस स्टैंड में 4500 से ज्यादा यात्रियों की आवाजाही रहती है। जहां चेन स्नेचिंग, पर्स और सामान चाेरी की वारदातें हाेती रहती हैं। इसके बावजूद तीनों चौकी बंद करना अपराधियों को खुली छूट देना जैसा है।

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