परतापुर धर्मांतरण मामला: तहसीलदार और हेड कांस्टेबल निलंबित, एसआई लाइन हाजिर
बांसवाड़ा जिले के परतापुर कस्बे के संतरामपुर मोहल्ले में धर्म परिवर्तन के मामले में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जिला कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव और एसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की है।
कार्रवाई का विवरण
गढ़ी तहसीलदार भगवतीलाल जैन:
- बिना सूचना मुख्यालय छोड़ने और गैर-जमानती दस्तावेज मंत्रालयिक कर्मचारी से मोबाइल पर रिसीव करवाने के आरोप में निलंबित।
- निलंबन अवधि में मुख्यालय जिला कलेक्टर कार्यालय रहेगा।
हेड कांस्टेबल रमेशचंद्र:
- धर्म परिवर्तन मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई में लापरवाही के आरोप में निलंबित।
उप निरीक्षक (एसआई) बालकृष्ण:
- मामले को गंभीरता से न लेने के कारण लाइन हाजिर।
मामला कैसे खुला?
- घटना 10 जनवरी (शुक्रवार) की है, जब धर्म परिवर्तन कराने की सूचना पर गढ़ी थाना पुलिस ने कार्रवाई की।
- पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और अगले दिन तहसीलदार कोर्ट में पेश किया गया।
- तहसीलदार भगवतीलाल जैन के अनुपस्थित रहने पर जमानती दस्तावेज मंत्रालयिक कर्मचारी से लेकर आरोपियों की जमानत करवाई गई, जो नियमों का उल्लंघन है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
जिला कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव ने शनिवार रात निलंबन आदेश जारी किए। उन्होंने कहा कि मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
क्या है धर्मांतरण का मामला?
- 10 जनवरी को संतरामपुर मोहल्ले में धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया था।
- पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- मामला तहसीलदार कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन प्रक्रिया में अनियमितताएं उजागर हुईं।
निष्कर्ष:
धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मामले में प्रशासन की लापरवाही पर कार्रवाई से स्पष्ट है कि राज्य सरकार इसे गंभीरता से ले रही है। भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए प्रशासनिक सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता है।