सर्किट हाउस में पैंथर का डेरा :पिंजरे में फंसे नहीं इसलिए शिकार को डरा रहा, ताकि शिकार बाहर आ जाए
रेंजर गाेविंदसिंह के अनुसार यह 2 साल का वयस्क पैंथर है। लंबे समय से सर्किट हाउस में डेरा जमाए रखने से पैंथर इंसानी माैजूदगी से भी उत्तेजित नहीं हाेता है। राहत है कि इंसान पर हमले का एक भी मामला सामने नहीं अाया है। यह पिछले दिनाें दिखाई दिए पैंथर परिवार का ही एक सदस्य हाे सकता है। पास में ही श्यामपुरा जंगल है, जिससे इसे कुत्ते, खरगाेश, सुअर के जरिये शिकार मिल जाता है। वहीं सामने ही डायलाब तालाब हाेने से पानी भी उपलब्ध है।
ट्रेंक्यूलाइज करना मुश्किल वन विभाग के लिए पैंथर काे ट्रेंक्यूलाइज करना इसलिए भी मुश्किल हाे रहा है, क्याेंकि पैंथर दिन में सर्किट हाउस परिसर से लगते घने क्षेत्र में छिप जाता है अाैर रात में ही परकाेटे पर लाैटता है। रात में उसे ट्रेंक्यूलाइज करने पर अगर पैंथर बेहाेश हाेने से पहले अंधेरे में चला गया ताे उसे ढूंढना मुश्किल है। वहीं बेहाेशी की हालत में पैंथर अगर अाबादी बस्ती में चला गया या फिर कुएं या पानी में गिर गया ताे बड़े हादसे का भी डर बना है। एेसे में विभाग पैंथर पर निगरानी रखे हुए है अाैर उसे पिंजरे के जरिये ही सुरक्षित पकड़ने की काेशिश कर रहा है। पिंजरे में घुसेगा तब भी बकरी का शिकार नहीं कर पाएगा पैंथर सर्किट हाउस परिसर में काफी बड़े अाकार का पिंजरा लगाया है। इसे विशेष रूप से डिजाइन किया है। पिंजरा भीतर से दाे हिस्साें में बंटा है। जिसके एक भाग में बकरी काे रखा है, जबकि एक हिस्सा खाली है। पैंथर अगर बकरी का शिकार करने के लिए पिंजरे में घुसेगा ताे वह पार्टीशन की वजह से बकरी का शिकार नहीं कर पाएगा अाैर पिंजरे में कैद हाे जाएगा।