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2 साल से नेत्र रोग विशेषज्ञ नहीं, एक साल में 800 मरीज रेफर हमने मरीजों को रेफर करने की व्यवस्था कर रखी है: पीएमओ

Banswara
2 साल से नेत्र रोग विशेषज्ञ नहीं, एक साल में 800 मरीज रेफर हमने मरीजों को रेफर करने की व्यवस्था कर रखी है: पीएमओ
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जिले के सबसे बड़े अस्पताल महात्मा गांधी हॉस्पिटल के कमरा नंबर-40 के बाहर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी की आज्ञा से एक सूचना चस्पा की गई है। इसमें लिखा है कि नेत्र रोग विशेषज्ञ नहीं होने से नियमानुसार नेत्र संबंधी प्रमाण पत्र के लिए रोगियों को उच्च संस्थान पर रेफर किए जाने की व्यवस्था की गई है। पिछले 2 साल से नेत्र रोग विशेषज्ञ का पद खाली है। इसलिए यहां आने वाले मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है।

इलाज के लिए उन्हें उदयपुर और डूंगरपुर जाना पड़ रहा है। अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार रेगुलर ओपीडी में औसतन 30 से 35 मरीज आ रहे हैं। इनमें से रोजाना 1 से 2 मरीज ऐसे होते हैं, जिन्हें इलाज के लिए उदयपुर और डूंगरपुर के लिए रेफर किया जाता है। इस हिसाब से आंकलन करें तो बीते 1 महीने में करीब 900 और 2 साल में ओपीडी में करीब 22 हजार से ज्यादा मरीज अस्पताल पहुंचे। इनमें से 2 साल के भीतर करीब 800 मरीजों और सर्टिफिकेट बनवाने वालों को उदयपुर और डूंगरपुर के लिए रेफर किया गया। इसी तरह रेडियोग्राफर अधीक्षक का पद भी बीते 3 साल से खाली है। ऐसे में मरीजों को कई प्रकार की रिपोर्ट जांचें समय पर नहीं मिल पा रही हैं। ^अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ का पद 1 सितंबर 2022 से खाली है। इसकी सूचना हाई अथॉरिटी को कई बार दे चुके हैं। अस्पताल की ओर से अभी इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की हुई है। - खुशपाल सिंह राठौड़, पीएमओ {अस्पताल में चिकित्सकों के कुल 99 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 43 पद खाली हैं। प्रमुख रूप से 3 वरिष्ठ चिकित्सक, 2-2 उप नियंत्रक व वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, 3 कनिष्ठ विशेषज्ञ, और 35 चिकित्सा अधिकारी हैं।

{ डॉक्टर्स के अलावा अन्य स्टाफ की बात करें तो हॉस्पिटल में इनके कुल 434 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से वर्तमान में 162 पद खाली हैं। इनमें अधीक्षक रेडियोग्राफर का पद कई साल से रिक्त है। 1 अधीक्षक रेडियोग्राफर, 79 पद चतुर्थ श्रेणी, वार्ड बॉय और स्वीपर के रिक्त हैं। 17 फार्मासिस्ट, 3 रेडियोग्राफर, 7 सीनियर लैब टेक्नीशियन, 9 लैब टेक्नीशियन और 10 नर्सिंग ट्यूटर के पद रिक्त हैं। परफोर्टेड इंजरीज, हीरे पर घाव, कॉर्नियल ओपेसिटी, देखने में टेढ़ापन, आंख पर गठान की सर्जरी, नुकीली वस्तु से लगी कोई भी गंभीर चोट, ऑपरेशन और सर्टिफिकेट से संबंधित मरीजों को रेफर किया जा रहा है।

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