अब जीपीएस से सीधे कटेगा टोल टैक्स, 2 साल में हटेंगे देश के 566 टोल

2025 तक जीपीएस टोल कलेक्शन से 1.34 लाख करोड़ रुपए कमाएगी सरकार
देशभर की राष्ट्रीय राजमार्ग सहित टोल वाली सड़कों पर आने वाले समय में तकनीकी के साथ सफर करने का अन्दाज भी बदलने वाला है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने 3 दिन पहले एसोचैम की बैठक में इस बात की घोषणा की है कि आने वाले 2 साल में पूरे देश की टोल वाला सड़कों को प्लाजा से मुक्त करते हुए जीपीएस से जोड़ कर सीधे टोल व्यवस्था को खत्म कर दिया जाएगा। एक साल पहले फास्टैग को अनिवार्य करना, इस दिशा में सरकार का पहला कदम था। डिजिटल इंडिया और ई गवर्नेन्स की दिशा में सरकार का यह अत्याधुनिक तरीका हाईवे पर सफर का अनुभव बदलने वाला साबित होगा। वहीं लोगों का मूल्यवान समय भी बचेगा।
पिछले वर्ष में सरकार ने 26851 करोड़ कमाए, अब टोल प्लाजा रहित जीपीएस सिस्टम से 5 साल में 1.34000 करोड़ टोल टैक्स प्राप्त करने का लक्ष्य : देश में लगातार बढ़ते तकनीक के प्रयोग के बीच सरकार अब ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम से टोल कलेक्ट करने की योजना पर काम करके राजस्व बढ़ाने पर कार्य कर रही है। जहां वर्ष 2019-20 मार्च तक सरकार ने हर महीने 2237 करोड़ रुपए कमाए,वही अब 2 साल के भीतर टोल खत्म करके सरकार 5 साल में 1.34 ट्रिलियन तक आय बढ़ा लेगी।
रूस के साथ भागीदारी, बचेगा टोल पर रुकने का समय और टोल व्यवस्था पर होने वाला खर्च
एसोचैम के कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए परिवहन मंत्री गडकरी ने बताया कि स्वचालित रूप से लिए जाने वाले टोल की पूरी प्रक्रिया आने वाले 2 साल के भीतर मानवरहित होगी। सीधे सेटेलाइट के डाटा से गाड़ी का टोल वाहन मालिक के अटैच एकाउंट से लिया जाएगा, इसके लिए रूस की सहायता से विकसित की गई तकनीक लगभग अंतिम चरण में है। वही अब टोल को हटाए जाने के बाद टोल पर लगने वाली लाइन और टोल प्लाजा के रखरखाव से जुड़े खर्च भी गुजरे जमाने की बात हो जाएगी। एनएचएआई की एक मीटिंग में इस तकनीक को लेकर एक प्रेजेंटेशन भी गत दिनों दिया गया था। जिसके तहत अगले 2 सालों में पुराने वाहनों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम अनिवार्य रुप से लगेगा,जबकि नए वाहन पहले ही इस सुविधा से लैस है।
