सरकारी टीचर ने नौकरी के लिए 10वीं-12वीं की फर्जी-मार्कशीट लगाई:33 साल में 1.5 करोड़ सैलरी उठाई; हाईकोर्ट से कार्रवाई के आदेश, तीन साल का स्टे हटाया

टीचर 33 साल तक शिक्षा विभाग को गुमराह करता रहा। इन सालों में आरोपी ने लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की सैलरी भी उठा ली। एक शिकायत पर मामला खुला तो पता चला कि नौकरी के आरोपी ने सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी की फर्जी मार्कशीट लगाई थी। वह पास तो थर्ड डिवीजन से हुआ लेकिन उसने मार्कशीट में नंबर बढ़ा कर खुद को प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होना बताया।
शिकायत मिलने पर जब आरोपी को सस्पेंड कर दिया गया तब उसने हाईकोर्ट की शरण ली। इसके बाद हाईकोर्ट ने भी कोई राहत नहीं देते हुए, शिक्षा विभाग को फिर से कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
बांसवाड़ा के देवगढ़ PEEO के अधीन राजकीय प्राथमिक विद्यालय खरवाली का है।
पहले पढ़िए जिला शिक्षा अधिकारी शफब अंजुम का बयान-

कार्रवाई को लेकर शिक्षक कोर्ट से स्टे ले आया था। विभागीय कार्रवाई भी थमी हुई थी। हाईकोर्ट से आदेश की कुछ दिन पहले ही आए हैं। अब विभाग जालसाजी कर नौकरी पाने के मामले में शिक्षक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

अब जानिए क्या है पूरा मामला..
1. 1992 में लगा था नौकरी: जिले के बांसवाड़ा ब्लॉक के देवगढ़ PEEO के अधीन राजकीय प्राथमिक विद्यालय खरवाली में जुलाई 1992 ऋषिकुंज निवासी लक्ष्मीनारायण सिंह पुत्र अंतराम सिंह टीचर लगा था। इस दौरान 2022 में धौलपुर निवासी छविराम ने फर्जी डिग्री को लेकर शिकायत की थी। जांच में उसकी डिग्री फर्जी पाई गई तो उसे निलंबित कर दिया गया था।
2. तीस साल बाद पोल खुली, सस्पेंड किया: इस पर शिक्षक सिंह को निलंबित कर चार्जशीट थमाई थी। इसी बीच आरोपी शिक्षक ने हाईकोर्ट चला गया और 25 फरवरी 2022 को स्टे ले आया। आरोपी टीचर ने हाईकोर्ट में यह बताया था कि निलंबन नियुक्ति अधिकारी ने जारी नहीं किया है। ऐसे में, उसे निरस्त किया जाए। कोर्ट ने इसी आधार पर कार्रवाई पर स्टे दे दिया था।
3. तीन साल बाद अब आया हाईकोर्ट फैसला: सरकारी वकील पवन भारती ने कहा- 3 साल चले इस प्रकरण में हाल ही में कोर्ट ने स्टे हटा दिया है। आदेश के अनुसार विभाग अब नए सिरे से सस्पेंशन की कार्रवाई होगी। साथ ही शिक्षक लक्ष्मी नारायण सिंह को भी विभागीय कार्रवाई के खिलाफ विभाग के उच्चाधिकारियों तक अपील की छूट दी है। जब तक विभाग कार्यवाही नहीं करता तब तक निलंबन के पुराने आदेश पर रोक जारी रहेगी। शिक्षक 30 दिन में सिविल सेवा नियम के तहत अपीलीय प्राधिकारी को अपील कर सकता है।
