रखरखाव नहीं, नगर परिषद की लापरवाही से चौराहों पर लगी ट्रैफिक लाइटों की दिशा और दशा बिगड़ी

बांसवाड़ा नगर परिषद ने शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लाखों रुपए की लागत से विभिन्न प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक लाइटें लगवाई थीं। इन लाइटों को लगाने का उद्देश्य ट्रैफिक को नियंत्रित करना, दुर्घटनाओं को कम करना और लोगों को सुरक्षित यातायात का अनुभव देना था, लेकिन रखरखाव नहीं होने से सभी चौराहों पर लाइटें खराब हो गई हैं।
अंबेडकर चौराहा, मोहन कॉलोनी चौराहा, एमजी चौराहा, दाहोद रोड और अन्य प्रमुख स्थानों पर लगी ट्रैफिक लाइटें लंबे समय से बंद पड़ी हैं। कई जगहों पर लाइटें टूट चुकी हैं, कहीं उनके संकेतक काम नहीं कर रहे तो कहीं पोल झुके हुए हैं। लाइटों की दिशा गलत हो गई है, जिससे वाहन चालकों को भ्रम की स्थिति बन जाती है। नगर परिषद ने लाइटों के रखरखाव के लिए न तो कोई नियमित कर्मचारी नियुक्त किया और न ही कोई निगरानी तंत्र बनाया। जिला प्रशासन और यातायात पुलिस भी इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। अंबेडकर चौराहा में पोल पर लगी टूटी ट्रैफिक लाइट।
