टीएसपी में कार्यरत नाॅन टीएसपी के शिक्षकाें काे अपने गृह क्षेत्र भेजा जाए ताे वागड़ के तीन हजार युवा बन सकते हैं शिक्षक
टीएसपी क्षेत्र में कार्य कर रहे नाॅनटीएसपी क्षेत्र के तृतीय क्षेेणी शिक्षकाें काे अपने गृह क्षेत्र में स्थानांतरण कर दिया जाए ताे करीब 855 सीटें पूरे टीएसपी क्षेत्र में खाली हाे जाएगी। जिससे यहां के करीब 900 से अधिक बेराेजगार शिक्षकाें काे माैका मिलेंगा। वहीं लम्बे समय से नाॅन टीएसपी के शिक्षक आदाेलन भी पूरा हाे जाएगा। वर्ष 2014 में टीएसपी और नाॅन टीएसपी क्षेत्र बनने के साथ ही शिक्षकाें के स्थानांतरण के विकल्प खुले रखे गए थे। जिसमें टीएसपी क्षेत्र से नाॅन टीएसपी क्षेत्र में जाने वाले शिक्षकाें से विकल्प पत्र मांगे गए थे। जिससे उन्हें अपने गृह जिले में स्थानांतरण देकर स्थानीय सीटाें पर लाेगाे काे माैका दिया जाएगा। वहीं नाॅन टीएसपी क्षेत्र में कार्य करने वाले शिक्षकाें काे फिर अपने गृह जिले में आने का माैका दिया गया। इसके बाद करीब 254 शिक्षकाें ने विकल्प पत्र भर कर दिया। तत्कालीन सरकार की ओर से इन सभी शिक्षकाे काे अपने गृह क्षेत्र में बुला लिया गया। वहीं टीएसपी में कार्यरत नाॅनटीएसपी के 900 से अधिक शिक्षकाें काे अाज तक अधरझूल में लटका रखा है। जिसके कारण इन शिक्षकाें लम्बी परेशानी से गुजरना पड़ रहा है। अभी राज्य सरकार की ओर से 31 हजार शिक्षकाें की भर्ती की घाेषणा की गई है। एेसे में अभी तक अधिसूचना जारी नहीं हुई है। ऐसे में डूंगरपुर जिले में करीब 1100 से अधिक पद तृतीय श्रेणी शिक्षकाें के खाली चल रहे है। इसी काे आधार मानकर नई भर्ती में इतने शिक्षक मिलने की संभावना बनेंगी। रीट परीक्षा की अधिसूचना से पहले राज्य सरकार की ओर से नाॅन टीएसपी के शिक्षकाें काे अपने गृह जिले में भेज दिया जाए ताे टीएसपी क्षेत्र में करीब 900 पद खाली हाे जाएंगे।
टीएसपी के 17 विधायक एक साथ दबाव बनाए ताे मिल सकता है माैका
टीएसपी क्षेत्र में डूंगरपुर, बांसवाड़ा, राजसमंद, उदयपुर, सिराेही और प्रतापगढ़ जिले आते है। जहां पर करीब 17 विधायक टीएसपी क्षेत्र से है। इन विधायक काे एक साथ मिलकर नाॅन टीएसपी के शिक्षकाें काे अपने गृह जिले में भेजने के आदेश जयपुर से निकालने हाेंगे। इसके लिए विकल्प पत्र सहित सभी प्रकार के आवेदन का तरीका पूरा हाे चुका है। सिर्फ जयपुर स्तर पर आदेश निकालने का इंतजार है। अभी काेराेना काल चलने के कारण बच्चाें की पढ़ाई भी शुरू नहीं हाे पाई है। रीट परीक्षा से पहले सारी प्रक्रिया पूरी हाे जाए ताे रीट परीक्षा से पहले माैका मिल सकता है।
900 से अधिक शिक्षक लम्बे समय से जाने के लिए तैयार : नाॅन टीएसपी शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र शर्मा ने बताया की वर्ष 2014 से लम्बा संघर्ष चल रहा है। स्थानीय जनप्रतिनि के साथ मुख्यमंत्री स्तर पर अपनी बात पहुंचा चुके है। इस संघर्ष में करीब आठ से दस शिक्षक अपना दम भी ताेड़ चुके हैं। अपने गृह क्षेत्र से दूर रहने के कारण परिवार के सुख के साथ स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते है। जिससे बड़ी बीमारी का शिकार हाे जाते है। कई शिक्षक अपने माता-पिता की सेवा का माैका भी छूट जाता है। गृह क्षेत्र में जाने से पद खाली हाेंगे, जिसका फायदा स्थानीय को मिलेगा।