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गैस के बढ़ते दाम से उज्जवला योजना के घटते उपभोक्ता जिले में 60 प्रतिशत नहीं भरवा रहे नया गैस सिलेंडर

Banswara
गैस के बढ़ते दाम से उज्जवला योजना के घटते उपभोक्ता जिले में 60 प्रतिशत नहीं भरवा रहे नया गैस सिलेंडर
@HelloBanswara - Banswara -
  • जिले में उज्जवला योजना के करीब 2 लाख उपभोक्ता हैं, जिसमें साल भर में केवल 5 लाख गैस सिलेंडर भरे जा रहे हैं

गैस सिलेंडर के बढ़ते दाम के चलते आम आदमी पर गहरा असर हुआ है। जहां एक तरफ लगातार गैस सिलेंडर के दाम बढ़ रहे हैं तो दूसरी तरफ उज्जवला योजना के लाभ लेने वाले उपभोक्ताओं की रिफिलिंग करवाने की दर घटने लगी है। गैस सिलेंडर के दाम अब 843 रुपए तक पहुंच गया है। जिन परिवारों ने योजना में निशुल्क गैस सिलेंडर और चूल्हे लिए, लेकिन अब उनका भरवाने के पैसे तक नहीं हैं।

केवल घरों में एक कोने में पड़े हुए नजर आ रहे हैं। जिले में 60 प्रतिशत लोगों ने गैस भरवाना बंद कर दिया है। जिले में उज्जवला योजना के करीब 2 लाख उपभोक्ता हैं, जिसमें सालभर में केवल 5 लाख गैस सिलेंडर भरे जा रहे हैं। आम आदमी की बात करें तो जहां एक परिवार सालभर में 6 सिलेंडर भरवाता है। उसके मुताबिक कुल उपभोक्ताओं के अनुसार 12 लाख से भी ज्यादा साल भर में सिलेंडर भरनी की संख्या होनी चाहिए थी।

जिले में उज्जवला योजना के कुल 199907 कनेक्शन है। जबकि साल भर में रिफिलिंग होती है- 508886 की। केवल 40% लोग ही गैस सिलेंडर भरवा रहे हैं। बाकी महंगाई के चलते सिलेंडर भरवाने में अपने आप को असमर्थ महसूस कर रहे हैं।

चिड़ियावासा| डोडियार बस्ती निवासी सुगना पत्नी रणछोड़ ने डेढ़ साल पहले गैस कनेक्शन कराया था। महंगाई के कारण पिछले 6 माह से गैस नहीं भराई। अब स्थिति यह है कि घर में गैस का सिलेंडर नकारा पड़ा है। जंगल से लकड़ियां लाकर चूल्हे पर खाना बनाकर गुजारा कर रहे हैं।

जिले में तीन एजेंसी

जिले में कुल इंडेन, एचपी और भारत गैस एजेंसी है जहां से लोगों के कनेक्शन हैं। गैस सिलेंडर नहीं भरवाने के कारण : सिलेंडर का खर्च बढ़ गया है। गांवों में लकड़ी आसानी से मिल जाती है।

एजेंसी उज्जवला के कुल उपभोक्ता रिफलिंग

इंडेन 51921 61989 एचपी 52706 173499 भारत गैस 95280 273,398 कुल 199907 508886

केस 1​​​​​​​ गनोड़ा| गनोड़ा निवासी लता देवी ने बताया कि 3 महीने पहले उसके पति का पैर टूट गया था। घर में जो कुछ पैसा था उसे पति के इलाज में लगा दिया। 2 महीने से सिलेंडर खत्म हो गया है, लेकिन आर्थिक तंगी से खरीद नहीं पा रहे।

केस 2 नौगामा| क्षेत्र में बोडिगामा में कुरी पत्नी शंकर ने गैस की बढ़ती कीमत से गैस सिलेंडर से खाना बनाना बंद कर चूल्हे पर खाना बनाना शुरू किया। पहले से ही कोरोना के कारण लॉकडाउन के चलते घर में आर्थिक स्थिति खराब है। ऊपर से गैस सिलेंडर के भाव आसमान को छू रहे हैं। कुरी ने बताया कि पहले हर माह गैस सिलेंडर भरवाते थे।

केस 3 अरथूना| कस्बा निवासी रमेश पुत्र लाला ईंट भट्टे पर काम करता है। पहले से आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा परिवार गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने के बाद विगत डेढ़ माह से माह से गैस खत्म होने के कारण बाजार से लकड़ी लाकर चूल्हे पर खाना बनाना शुरू कर दिया। परिवार में दंपती सहित एक पुत्र और 2 पुत्रियां है। दंपती दिनभर मजदूरी करते हैं।

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