Home News Business

मानसून अभी बाकी...85 दिनों में 877mm का कोटा पूरा, 5 दिनों तक फिर मानसून पर ब्रेक, हल्की बारिश का अनुमान : मौसम विभाग

Banswara
मानसून अभी बाकी...85 दिनों में 877mm का कोटा पूरा, 5 दिनों तक फिर मानसून पर ब्रेक, हल्की बारिश का अनुमान : मौसम विभाग
@HelloBanswara - Banswara -
 बांसवाड़ा | मानसून सीजन खत्म होने से 30 दिन पहले 85 दिनों में ही बारिश का कोटा पूरा हो गया। औसत 877.50 के मुकाबले 883.14 एमएम बारिश हो चुकी है। 14 साल में सबसे ज्यादा 2016 में 1394.1 एमएम बारिश हुई थी। सबसे कम 2008 में 449.8 एमएम ही बारिश हुई। 2021 में 558.7 एमएम औसत बारिश हुई। मध्यप्रदेश में कम हुई बारिश के बीच माही डेम में पानी की आवक भी कम हो गई है। जिसके चलते सुबह 8 बजे माही डेम के 10 गेट बंद कर केवल 6 गेट से ही पानी की निकासी की जा रही है।

गढ़ी-शेरगढ़ में 40-40 एमएम बारिश
गुजरात-एमपी से सटे इलाकों में अच्छी बारिश हुई। पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा अरथूना में 55 एमएम बारिश दर्ज की गई है। उसके अलावा गढ़ी-शेरगढ़ में 40-40, सल्लोपाट में 39, घाटोल-लोहारिया में 37-37, बागीदौरा में 33, सज्जनगढ़ में 31, बांसवाड़ा शहर में 11 एमएम बारिश दर्ज की गई। वहीं बुधवार को भी दिनभर हल्की बौछारें होती रही। जहां जगपुरा में 13, लोहारिया में 12 बारिश दर्ज की गई।

पशुचिकित्सालय और स्कूल भवन का एक हिस्सा गिरा
अधिक बारिश से लोहारिया में पशुचिकित्सा भवन का एक हिस्सा गिर गया। दूसरी और लक्ष्मीपुरा के स्कूल के आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। उसके अलावा बारीचना के रास्ता और हड़मत इलाके के पुल पर 4-4 फीट पानी चढ़ने से 10 गावों का संपर्क कट गया।

आगे क्या...मौसम विभाग के मुताबिक जिले में अब बारिश में कमी आएगी। मौसम वैज्ञानिक हर गिलास ने बताया कि अगले 5 दिनों तक केवल हल्की बारिश का दौर चलने का अनुमान है। जिले में इन पांच दिनों तक भारी बारिश नहीं होगी होगी, छुटपुट स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है।


पिछले साल सिर्फ 114 एमएम हुई थी
साल बारिश अगस्त में
2008 449.8 105.1
2009 713.5 246.0
2010 537.4 253.7
2011 974.0 684.1
2012 1073.8 456.6
2013 1053.5 279.2
2014 629.0 157.1
2015 674.6 137.2
2016 1394.1 477.2
2017 678.1 161.1
2018 703.4 212.2
2019 1056.1 170.2
2020 806.5 525.9
2021 558.7 114.3
2022 883.14 400


1983 से मैन्यूअल खोले जा रहे थे, सुबह 7 बजे तक 16 गेट खुले थे, शाम 6 बजे तक 6 गेट ही खुले रहे
पहली बार स्काडा सिस्टम से खोले गए माही बांध के गेट
बांसवाड़ा. माही बांध के सभी 16 गेट पहली बार स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्वीजीशन सिस्टम) से खोले गए। इससे मॉनिटरिंग ऑनलाइन होती है। 1983 से गेट मैन्यूअल ही खोले जा रहे थे। स्काडा के जरिए एमपी की बाजना, प्रतापगढ़ की एराव नदी सहित अन्य नदियों से आवक की रियल टाइम केलकुलेशन होती है। प्रोजेक्ट मैनेजर शैंकी सनम ने बताया कि कैमरों के जरिए पूरे बांध पर नजर रखी जा रही है। इधर, बांध में पानी की आवक 499.2 क्यूमेक की दर से जारी रही। सुबह 7 बजे तक बांध के सभी 16 गेट खुले थे। इसके बाद 8 बजे तक 6 गेट बंद किए। वहीं शाम 6 बजे तक 6 गेट आधा-आधा मीटर ऊंचाई तक खोलकर 499.2 क्यूमेक पानी छोड़ा गया।

 

शेयर करे

More news

Search
×