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मेडिकल स्टोरों का करोड़ों रुपए बकाया पेंशनरों को दवाइयां देने से कर रहे मना

Banswara
मेडिकल स्टोरों का करोड़ों रुपए बकाया पेंशनरों को दवाइयां देने से कर रहे मना
@HelloBanswara - Banswara -

बांसवाड़ा प्रदेश सरकार की ओर से शुरू की गई राजस्थान राज्य बीमा योजना (आरजीएचएस) में लाभार्थियों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। सरकार की ओर से नियमित भुगतान न किए जाने पर योजना में पंजीकृत तकरीबन 30 मेडिकल स्टोर में 26 दवा देने से साफ-साफ इन्कार कर रहे हैं। इससे सबसे बड़ी दिक्कत पेंशनर्स को हो रही है।

योजना के तहत दवा न मिलने के कारण लाभार्थियों को अपनी जेब से हर महीने हजारों रुपए की दवाएं खरीदनी पड़ रही है। योजना को लेकर सरकारी कार्मिकों को बीते एक वर्ष से निराशा ही हाथ लग रही है। जबकि इन कार्मिकों के नियमित रूप से प्रत्येक माह योजना के नाम पर कटौती हो रही है। योजना के तहत विभिन्न आय वर्ग के आधार पर 265 रुपए से 875 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से कटौती होती है। यानी 3180 रुपए से लेकर 10500 प्रत्येक वर्ष कटौती कराने के बाद भी कार्मिकों को योजना के नाम पर परेशानी का ही सामना करना पड़ रहा है। जिले में उपभोक्ता भंडार 12 मेडिकल स्टोर का संचालन करता है। इन दवाखानों की रेकें खाली पड़ी हैं। दवाएं न होने के कारण यहां से भी लाभार्थियों को बैरंग लौटना पड़ रहा है। जानकारी करने पर सामने आया कि तकरीबन 5 करोड़ रुपए का बकाया चल रहा है। जिसके चलते उपभोक्ता भंडार दवा के थोक विक्रेताओं का बकाया चुकता नहीं कर पा रहा है। ऐसे में ये विक्रेता दवा देने से साफ इंकार कर रहे हैं। इस कारण ये मेडिकल स्टोर दवा नहीं मंगवा पा रहे हैं। इन मेडिकल स्टोर पर दवाएं न होने से आरजीएचएस योजना के लाभार्थियों के अलावा अन्य मरीजों को भी दिक्कत उठानी पड़ रही है। क्यों कि कम दर में दवा मिलने के कारण अस्पताल के एवं अन्य मरीज यहां से दवा खरीदना उपयुक्त समझते हैं।

^ तकरीबन 5 करोड़ रुपए बकाया था जिसमें से अभी करीब 20 फीसदी पैसा रिलीज किया गया है। इससे कुछ राहत मिलेगी। पैसा न होने के कारण दवाओं को लेकर दिक्कत आ रही है। स्टॉकिस्ट भी दवा देने से मना कर रहे हैं।

-योगेंद्र सिंह सिसोदिया , महाप्रबंधक सहकारी उपभोक्ता भंडार

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