फर्जीवाड़े का मास्टर; शिक्षक बनने के लिए 10-12वीं में थर्ड डिविजन को फर्स्ट में बदला, 30 साल से नौकरी कर रहा
ग्रेड थर्ड शिक्षक (लेवल-प्रथम) लक्ष्मीनारायण सिंह राजकीय प्राथमिक स्कूल खरवाली (बांसवाड़ा) में कार्यरत हैं। वह मूलत: फूसपुरा (धौलपुर) का रहने वाला है। दैनिक भास्कर ने दस्तावेजों की पड़ताल की तो पता चला कि कक्षा दसवीं व 12वीं में थर्ड डिविजन, वो भी ग्रेस से पास लक्ष्मीनारायण की दसवीं व 12वीं कक्षा की मार्कशीट ही फर्जी है। उसने अंकों से छेड़छाड़ करके शिक्षक की नौकरी हासिल की है। शिक्षा विभाग ने लक्ष्मीनारायण की मार्कशीटों की जांच शुरू कर दी है। असल में, लक्ष्मीनारायण ने नाैकरी हासिल करने के लिए जो दसवीं व 12वीं की मार्कशीट जमा कराई, उसमें खुद को फर्स्ट डिविजन से पास होना बताया है। जबकि अजमेर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से हासिल की गई ऑरिजनल मार्कशीट में वह थर्ड ग्रेड डिविजन से पास है, वह भी ग्रेस लगने से पास हुआ है।
1992 में नाैकरी हासिल की, सवाल-शिक्षा विभाग ने मार्कशीट की बोर्ड से जांच क्यों नहीं कराई, क्या मिलीभगत से मिली नियुक्ति?
शिक्षक लक्ष्मीनारायण की बताैर शिक्षक नियुक्ति 1 जुलाई 1992 काे हुई थी। अब तक नाैकरी में 30 साल के करीब समय हाे चुका है। इसके अनुसार शिक्षक द्वारा पदोन्नति में 9-18-27 का लाभ भी लिया जा चुका है। जिनका वर्तमान में मूल वेतन 67,200 रुपए है। अगल इंक्रीमेंट 1 जुलाई 2022 काे लगाया जाएगा। शिक्षा विभाग ने शिकायत के आधार पर जांच शुरू की तो पता चला कि शिक्षक अब तक 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की सैलरी व अन्य लाभ ले चुका है। अब सवाल यह है कि शिक्षक की नियुक्ति के दौरान उसकी मार्कशीट की जांच माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से क्यों नहीं करवाई गई? क्या अफसरों से मिलीभगत थी?
शिक्षक के खिलाफ फर्जीवाड़े की जांच शुरू कर दी : डीईईओ
हमें शिक्षक लक्ष्मीनारायण के खिलाफ फर्जी मार्कशीट के आधार पर नौकरी हासिल करने की शिकायत मिली थी। हमने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से भी 10वीं व 12वीं की वास्तविक मार्कशीट मांगी है। डिग्री के सत्यापन के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। -शैलेंद्र भट्ट, डीईईओ प्रारंभिक, बांसवाड़ा
जांच के बाद पूरा सच सबके सामने आ जाएगा : लक्ष्मीनारायण
सभी कार्मिकों के दस्तावेज संबंधित विभाग व बोर्ड की कस्टडी में रहते हैं। जिसकी कॉपी अन्य को नहीं मिलती। जिला परिषद से डिग्री सत्यापन के बाद ही स्थायीकरण के आदेश हुए हैं। शिकायतकर्ता से मेरा जमीनी विवाद है। इसलिए झूठी शिकायत है। जांच में दूध का दूध, पानी का पानी होगा। - लक्ष्मीनारायण, शिक्षक, लेवल-1
शिकायत हुई तो एक मार्च से मांगा वीआरएस, क्यों?
शिक्षा विभाग ने जांच शुरू की तो शिक्षक लक्ष्मीनारायण ने स्वैच्छित सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कर दिया। उसने 1 मार्च 2022 से रिटायरमेंट मांगा है। शिक्षा विभाग में उसके फर्जीवाड़े की शिकायत करने वाले धौलपुर के ही छविराम का आरोप है कि लक्ष्मीनारायण ने 10वीं और 12वीं की मार्कशीट ताे फर्जी बनाई ही हैं। इसके अलावा जाे उसने खुद के बीएसटीसी की डिग्री हाेने का दावा किया है और विभाग में जाे जमा कराई है वाे भी पूरी तरह से फर्जी है। उसने बीएसटीसी नहीं की है।