मानगढ़ धाम नहीं बनेगा राष्ट्रीय स्मारक, PM बोले- आदिवासियों के संघर्ष को नहीं मिली इतिहास में जगह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम पहुंचकर 109 साल पहले शहीद हुए 1500 आदिवासियों को पुष्पांजलि अर्पित की. वहीं पीएम मोदी ने मानगढ़ धाम को फिलहाल राष्ट्रीय स्मारक बनाने की घोषणा नहीं की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम पहुंचे जहां पीएम ने पहले धूणी के दर्शन किए. ‘मानगढ़ की गौरव गाथा’ कार्यक्रम के लिए पहुंचे पीएम ने इसके बाद गोविंद गुरू की प्रतिमा और 109 साल पहले यहां शहीद हुए 1500 आदिवासियों को पुष्पांजलि अर्पित की. वहीं पीएम मोदी के बांसवाड़ा पहुंचने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और गुजरात सीएम भूपेंद्र पटेल ने अगवानी की. मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, भारत का अतीत, भारत का इतिहास, भारत का वर्तमान एवं भारत का भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं होता. वहीं पीएम मोदी के दौरे को लेकर माना जा रहा था कि वह मानगढ़ को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित करेंगे लेकिन पीएम मोदी ने ऐलान नहीं किया.
मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने कहा, हम आदिवासी समाज के बलिदानों के ऋणी हैं. इस समाज ने संस्कृति से लेकर परंपराओं तक भारत के चरित्र को सहेजा एवं संजोया है और अब समय आ गया है कि देश इस ऋण के लिए, इस योगदान के लिए आदिवासी समाज की सेवा कर उन्हें धन्यवाद दें.
मानगढ़ अभी नहीं बनेगा राष्ट्रीय स्मारक
उन्होंने मानगढ़ धाम के दौरे को सुखद बताते हुए कहा, मानगढ़ धाम जनजातीय वीर-वीरांगनाओं के तप, त्याग, तपस्या एवं देशभक्ति का प्रतिबिंब है और यह राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र के लोगों की साझी विरासत है. मोदी ने आदिवासी नेता गोविंद गुरु को याद करते हुए कहा कि उनके जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी भारत की परंपराओं और भारत के आदर्शों के प्रतिनिधि थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह (गोविंद गुरु) किसी रियासत के राजा नहीं थे, लेकिन फिर भी लाखों आदिवासियों के नायक थे.
वहीं मोदी ने आगे कहा कि मानगढ़ धाम को भव्य बनाने की इच्छा सबकी है. उन्होंने कहा कि मप्र, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र आपस में चर्चा कर एक विस्तृत प्लान तैयार करें और मानगढ़ धाम के विकास की रूपरेखा तैयार करें. पीएम ने कहा कि चारों राज्य और भारत सरकार मिलकर इसे नई ऊंचाईयों पर ले जाएंगे और नाम भले ही राष्ट्रीय स्मारक दे देंगे या कोई और नाम दे देंगे.
इतिहास में नहीं हुआ आदिवासियों के साथ न्याय
वहीं मोदी ने कहा कि आजादी के बाद लिखे गए इतिहास में आदिवासी समुदाय के संघर्ष और बलिदान को उनका सही स्थान नहीं मिला और आज देश उस दशकों पुरानी गलती को सुधार रहा है. आदिवासी समुदाय के बिना भारत का अतीत, वर्तमान और भविष्य अधूरा है.
इसके अलावा कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उपस्थिति की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि सीएम के नाते हमने साथ-साथ काम किया और अशोक गहलोत हमारी जमात में सबसे सीनियर सीएम रहे हैं.
स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है मानगढ़ धाम का इतिहास : गहलोत
कार्यक्रम में गहलोत ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि मानगढ़ धाम के इतिहास को स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है और हमने पीएम से अपील की है कि इसे राष्ट्रीय स्मारक बनाया जाए. गहलोत ने कहा कि आदिवासी समाज आजादी की जंग लड़ने के मामले में किसी से पीछे नहीं था.
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा आज हमारे देश का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया भर में सम्मान मिलता है. गहलोत ने कहा कि पीएम मोदी को दुनिया के देशों में इसलिए सम्मान मिलता है कि वह महात्मा गांधी के देश से आते हैं. वहीं सीएम ने कहा कि दुनिया जानती है पीएम मोदी उस देश से आते हैं जहां 70 साल बाद भी लोकतंत्र जिंदा है.
वहीं सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाौहान ने कहा कि देश को आजादी चांदी की तश्तरी में रखकर नहीं मिली है, हमनें आदिवासियों के बलिदान को भुला दिया था लेकिन मोदी सरकार ने उन्हें नमन करने का अभियान चलाया है. वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि 17 नवंबर 1913 का काला दिन कोई नहीं भूल सकता और आदिवासियों को विकास की मुख्य धारा में लाने का प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं.