ज्यादा गर्मी में लड़ने लगते हैं नर-मादा पक्षी, इसलिए चिड़ियाघर में लगाई मेट-कूलर, ताकि प्रेम बना रहे
डूंगरपुर ज्यादा गर्मी होने पर एक साथ रहने वाले नर और मादा पक्षी लड़ने लगते हैं। उनको बचाने के लिए चिड़ियाघर में कूलर, पंखे, हरी मेटिंग और पानी छिड़काव किया जाता है। जिससे ये पक्षी एक दूसरे से नहीं लड़े और उनमें प्रेम बना रहे। गर्मी आने के साथ ही तापमान 40 डिग्री से अधिक रह रहा हैं।
सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक तेज गर्मी और तीखी धूप से आमजन के साथ पक्षियाें के लिए भी असहनीय पीड़ा पहुंचा रहा हैं। इसी काे देखते हुए नगर परिषद ने नानाभाई पार्क स्थित चिड़ियाघर में पक्षियाें काे तेज गर्मी से बचाने के लिए कई उपाय किए हैं। इन पक्षियाें की जीवन शैली से मनुष्य भी काेराेना के संक्रमण से बच सकता हैं
- चिड़ियाघर में पिजराे का ग्रीन नेट से ढक रखा हैं। जिससे सीधे धूप इन पक्षियाें तक नहीं पहुंचे।
- पक्षियाें के लिए कूलर, पंखे और ऊपर खस की घास बिछा रखी है। जिस पर दिनभर पानी छिड़कर ठंडा रखा जाता हैं।
- चिड़ियाघर में जावा, टर्की, बतख, अमेरिकन सनपेनियल पक्षी काे ज्यादा तापमान पर चिड़चिड़ाहट हाेती हैं। जिसके बाद मेल और फिमेल लड़ने लगते हैं।
- सुबह 10 बजे तक पक्षी सामान्य दैनिक जीवन चर्या बिताते हैं। इस दरम्यान तापमान काे ठंडा नहीं किया गया ताे यही पक्षी अपने घर या कृत्रिम घाेसलाें में दुबक कर बैठ जाते हैं। जाे साेशल डिस्टेसिंग के साथ ही घराें में रहने का अच्छा संदेश हैं।
- इन पक्षियाें की गर्मी में डाइट भी बदल दी जाती हैं। जिसमें तरबूज, खरबूज, ककड़ी, अंगूर के साथ ही पानी वाले फल दिए जाते हैं। यहां पर सप्ताह में एक दिन पक्षियाें काे आम भी दिया जाता हैं। वहीं कुछ पक्षियाें काे दाने पानी में भिगाकर दिए जाते हैं। जिससे उनमे पानी की कमी नहीं हाे।
- इंसान की तरह मुर्गाे और इमु काे प्याज दिया जाता हैं। इस प्याज देने का मुख्य उद्देश्य उन्हें गर्मी से छुटकारा मिलना हैं।