फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी पाने वाला शिक्षक लक्ष्मी निलंबित
प्रारंभिक शिक्षा विभाग में कार्यरत एक शिक्षक के बोर्ड की कक्षा 10वीं-12वीं की फर्जी अंकतालिका जमाकर 30 साल तक सरकारी नौकरी करने के खुलासे के बाद भी शिक्षा विभाग कड़ी कार्रवाई करने में पीछे हट रहा है, जिससे मिलीभगत की आशंका बढ़ गई है। क्योंकि सारे फर्जी दस्तावेज की जांच करने के बाद भी डीईओ प्रारंभिक शिक्षा शैलेन्द्र भट्ट ने दोषी शिक्षक को बर्खास्त करने के बजाय उसे निलंबित किया है।
फर्जीवाड़ा कर एक करोड़ रुपए से अधिक तनख्वाह वाले शिक्षक लक्ष्मीनारायण को अब निलंबन काल में भी 75 फीसदी वेतन घर बैठे दिया जाएगा। विभाग कार्रवाई के बदले फर्जी शिक्षक को बचने के मौके दे रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी शैलेन्द्र भट्ट से बात की तो बताया कि अभी निलंबित किया है, आगे अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, आरोप पत्र देकर जवाब मांगा जाएगा। मामले में कुछ सेवानिवृत अधिकारियों से बात करने पर बताया कि जब प्रमाण मिल चुके हो तो शिक्षक के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई कर एफआईआर दर्ज की जा सकती है।
बोर्ड ही नहीं बीएसटीसी किए बगैर बना ली डिग्री : शिक्षक लक्ष्मीनारायण ने नौकरी पाने के लिए बोर्ड की मार्कशीट में ही गड़बड़ी नहीं की, बल्कि शिक्षक बनने के लिए जरूरी एसटीसी की डिग्री भी फर्जी बनाई। बोर्ड मार्कशीट में तो अंकों में हेरफेर किया, जबकि एसटीसी की पूरी डिग्री ही फर्जी है। कार्यालय पंजीयक शिक्षा विभागीय परीक्षाएं बीकानेर ने साफ किया है कि लक्ष्मीनारायण ने एसटीसी की ही नहीं है। उसका कोई रिकॉर्ड विभाग में नहीं है।
सीईओ बाेले-डीईओ प्रारंभिक काे दर्ज करानी चाहिए एफआईआर
इतने समय बाद भी शिक्षक काे सेवा से बर्खास्त नहीं करना नियुक्ति अधिकारी सीईओ जिला परिषद और डीईओ प्रारंभिक शिक्षा विभाग पर सवाल खड़े करता है। भास्कर ने सीईओ भवानी सिंह पालावत से बात कि ताे बताया कि इस मामले में डीईओ काे तत्काल उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करानी चाहिए। नियुक्ति के समय दस्तावेज सत्यापन काे लेकर डीईओ ने कहा कि उस दाैरान राजस्थान की ही डिग्रियों के सत्यापन का प्रावधान नहीं था, नियुक्ति हुए काफी समय बीत चुका है, तब किसने कैसे ज्वाइनिंग दी यह अब कैसे कह सकते हैं। सीईओ ने इसी दाैरान डीईओ शैलेंद्र भट्ट काे भी मामले में जल्दी कार्रवाई करते हुए प्रकरण काे जिला परिषद की स्थापना समिति में भी शामिल करने काे कहा।