बिना मान्यता यूनिवर्सिटी में लॉ का कोर्स :2 साल में 120 छात्रों का भविष्य संकट में, वसूल कर लिया शुल्क
बांसवाड़ा में गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। इसमें विश्वविद्यालय प्रबंधन लॉ स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।
विश्वविद्यालय परिसर में पिछले 2 साल से लॉ का कोर्स कराया जा रहा है। एलएलबी में पिछले 2 सालों में 120 स्टूडेंट्स एडमिशन ले चुके हैं। लेकिन विश्वविद्यालय को बार काउंसिल से स्वीकृति नहीं मिल पाई है। इसके बाद भी मैनेजमेंट स्टूडेंट्स से एडमिशन और एग्जाम फीस वसूल ली। स्टूडेंट्स की इस समस्या को लेकर निजी कॉलेज संगठन ने कुलपति को शिकायत की है।
लॉ छात्र संगठन का कहना है- गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय में चल रहे लॉ कोर्स की मान्यता ही नहीं है, फिर भी यूनिवर्सिटी कैंपस में लॉ कोर्स चला कर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। एक ओर जहां यूनिवर्सिटी नित नए नवाचार का स्वांग सबको दिखा रही है, वहीं दूसरी ओर खुद के कैम्पस में चल रहे एलएलबी कोर्स के लिए दो साल गुजरने के बाद भी अभी तक कोर्स को बीसीआई से मान्यता नहीं मिल सकी है। इससे बेखबर इस कोर्स में प्रवेश ले चुके लॉ स्टूडेंट्स अपने कीमती दो साल भी गुजार चुके हैं।
इससे यूनिवर्सिटी की कार्यविधि पर भी सवाल खड़ा हो गया है। बीसीआई की साइट पर यूनिवर्सिटी का नाम ही नहीं, फिर भी दो साल से छात्रों की परीक्षा करा रही है। गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय जहां एक और संभाग के 163 कॉलेजों में विभिन्न कोर्स का एफिलेशन करता है और इन कॉलेजों में कोई कमी होने पर नोटिस जारी करती रही और कई बार अखबारों में खबर भी प्रकाशित करती है।
उसके खुद का एलएलबी का कोर्स ही बीसीआई से अभी मान्यता प्राप्त नहीं है, न इस एलएलबी कोर्स को मान्यता का कोई दस्तावेज बीसीआई की साइट पर नजर आ रहा है। उसके बाद भी सत्र 2022-23 से प्रथम वर्ष में प्रवेश कर दिए और ये छात्र अब कोर्स के दूसरे साल की परीक्षा के भी नजदीक आ गए हैं, लेकिन अभी तक मान्यता नहीं होने से बिना मान्यता की ही प्रथम वर्ष की मार्कशीट भी छात्रों को जारी कर दी गई है। अब दो साल से यहां पढ़ रहे छात्रों के भविष्य पर संशय खड़ा हो गया है।
वन टाइम रजिस्ट्रेशन हो गया, जल्द इंस्पेक्शन होगा
इधर पूरे मामले पर ट्राइबल एरिया प्राइवेट कॉलेज वेलफेयर सोसाइटी के बैनर तले पचास से ज्यादा निजी कॉलेज के संचालक शुक्रवार को जीजीटीयू के कार्यवाहक रजिस्ट्रार प्रो. लक्ष्मण परमार के पास पहुंचे और इस मुद्दे को उठाया। जिस पर उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी द्वारा वन टाइम रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूर्व में की गई है, जल्द ही बीसीआई द्वारा शेष प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
जिस पर संगठन के सचिव शरद जोशी ने जब उनसे वर्तमान में बीसीआई की मान्यता होने का सवाल किया तो उन्होंने कहा कि वर्तमान में मान्यता नहीं है, लेकिन जल्द मिल जाए इसके लिए प्रक्रिया जारी है। साथ ही बीसीआई की पेनाल्टी जमा कराने की बात भी कही । इस दौरान रजिस्ट्रार कक्ष में उपस्थित प्रो. राकेश डामोर ने भी उपस्थित कॉलेज संचालकों को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए जल्द बीसीआई की प्रक्रिया पूर्ण करने का भरोसा दिया।
एलएलबी के लिए बीसीआई की मान्यता पहले साल से जरूरी
बार काउंसिल ऑफ इंडिया पूरे देश की एकमात्र नियामक संस्था है जो पूरे देश भर में कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में संचालित एलएलबी कोर्स को मान्यता देती है। साथ ही सभी जरूरी मापदंड पूर्ण करने के बाद बीसीआई की टीम निरीक्षण करती है और उसमे संतुष्ट होने पर ही किसी संस्थान को लॉ कोर्स की अनुमति मिलती है, लेकिन यहां यूनिवर्सिटी की लापरवाही के चलते समय पर प्रक्रिया पूरी नही हो सकी और बिना प्रक्रिया पूरे हुए और आधिकारिक मान्यता के ही कोर्स को दो साल पूर्व शुरू भी कर दिया गया। प्रथम वर्ष की मार्कशीट भी बांट दी गई है। ऐसे में वर्तमान में यहां से एलएलबी कर रहे प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के 120 छात्रों पर संकट आ गया है।