कुशलगढ़ पालिका अध्यक्ष विभागीय और न्यायिक जांच में भी दोषी, कार्रवाई की फाइल एक महीने से यूडीएच विभाग में पेंडिंग
कुशलगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष बबलू मईड़ा के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच में आरोप प्रमाणित हो गए हैं, लेकिन आखिरी फैसला यूडीएच मंत्री को लेना है। लेकिन करीब 1 महीने से फाइल उनके विभाग में पेंडिंग पड़ी है। जबकि विभागीय जांच और न्यायिक जांच में साबित हो गया है कि अध्यक्ष मईड़ा ने पद का दुरुपयोग करते हुए बिना स्वीकृति के ही स्कॉर्पियो वाहन खरीदा, अपनी निजी कार्य के लिए सरकारी गाड़ी 10 हजार किमी की यात्रा की और रिश्तेदार की फर्म को नियमों के खिलाफ जाकर फायदा दिया।
इस मामले को लेकर डीएलबी निदेशक सुरेश कुमार ओला ने भी मईड़ा को नोटिस भेजकर सुनवाई को मौका दिया। इसके बाद निदेशक ने मईडा के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भी लिख दिया है, लेकिन यूडीएच विभाग में यह फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी है।
दूसरी तरफ कुशलगढ़ नगर पालिका के भाजपा के ही पार्षदों ने अध्यक्ष मईडा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। जहां 15 मार्च को फिर से भाजपा पार्षदों ने यूडीएच मंत्री को पत्र लिखकर मईडा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। 4. अॉपन जिम का टेंडर जय माता दी कंस्ट्रक्शन कुशलगढ़ फर्म को लाभ देने के लिए नियमों का उल्लंघन किया। 1. अध्यक्ष ने स्वायत्त शासन विभाग की स्वीकृति बिना स्कॉर्पियो खरीदी। निदेशालय स्तर से स्वीकृति नहीं ली। 2. अध्यक्ष ने 10 हजार किमी की अनधिकृत यात्रा की, बिना अनुमति से राज्य के बाहर की यात्रा की।
खास बात यह है कि कुशलगढ़ नगरपालिका अध्यक्ष के खिलाफ शिकायत के बाद कांग्रेस सरकार में जांच की गई। जिसमें विभाग की जांच में आरोप प्रमाणित हो गए। जिसके चलते विभाग ने 2 जनवरी 2023 को अध्यक्ष मईडा को निलंबित कर दिया, लेकिन उसके बाद अध्यक्ष मईडा कोर्ट गए, जहां उनसे स्टे मिल गया। साथ ही कोर्ट ने न्यायिक जांच के लिए आदेश दिए। विशिष्ट शासन सचिव योगेश शर्मा की अध्यक्षता में फिर इस मामले की न्यायिक जांच की गई। जिसमें भी मईडा के खिलाफ दोष साबित हुए। उसके बाद सुनवाई के लिए मईडा को विभाग से 15 और 20 फरवरी-2024 को नोटिस भी जारी किए गए।
भाजपा पार्षदों ने कई बार अध्यक्ष को हटाने की मांग की जा चुकी है। पार्षद नरेश कुमार ने बताया कि अब फिर से पत्र लिखा है। जिसमें बताया कि कुशलगढ़ नगर पालिका के अध्यक्ष भ्रष्टाचारी के विरूद्ध आरोप प्रमाणित होने पर की न्यायिक जांच के फैसले के आरोप को दो बार सुनवाई के लिए मौका दिया। वह भी 22 फरवरी को पूरा हो गया है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुआ है। शिकायतकर्ता सभी भाजपा के पार्षद हैं, पूर्व सरकारी की मिली भगत से इन्हें बचाया है, क्या अब भी भ्रष्टाचार मुक्त भारत ध्येय में भी इनका बचाव किया जाएगा।
जल्द से जल्द अध्यक्ष को अविलंब निर्योग्य घोषित कर भ्रष्टाचार से मुक्त कर अनुग्रहित करवाएं। लेटर में पार्षद संजय चौहान, नरेश कुमार, सारिका टेलर, जिनेंद्र अहारी, राहुल सोनी, महावीर कुमार, ज्योत्सना पंड्या सहित के हस्ताक्षर हैं। ज्ञात रहे कि नगर पालिका में 20 पार्षदों का बोर्ड है, जिसमें 18 पार्षद भाजपा के हैं।