परिवार कल्याण के क्षेत्र में बांसवाड़ा पहले पायदान पर, चिकित्सा मंत्री ने किया सम्मानित, 11 लाख रूपए का पुरस्कार मिला

वीसी के जरिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट और परिवार की पूरी जिम्मेदारी के स्लोगन को बांसवाड़ा जिले ने कर दिखाया है। परिवार कल्याण के क्षेत्र में दी जा रही सेवाओं में जिले को प्रथम स्थान मिला है। शुक्रवार को डीओ आईटी बांसवाड़ा में वीसी के जरिए चिकित्सा मंत्री ने जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह, सीएमएचओ डॉ एचएल ताबियार और एडिशनल सीएमएचओ डॉ भरतराम मीणा को सम्मानित किया। जिसमें परिवार नियोजन के साथ-साथ सीमित परिवार के लाभ, विवाह की सही आयु, विवाह के पश्चात कम से कम दो वर्ष बाद पहला बच्चा, प्रसवोत्तर के बाद की सेवाएं, अंतरा इंजेक्शन और नसंबंदी के प्रति जागरूकता भी शामिल है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एचएल ताबियार ने बताया कि एमपीवी श्रेणी में 14 जिले शामिल है। जिसमें प्रथम पुरस्कार बांसवाड़ा, द्वितीय पुरस्कार करौली व तृतीय पुरस्कार पाली जिले ने प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि साथ अन्य जिलों की श्रेणी नान एमपीवी है, जिसमें प्रथम स्थान झालावाड़, द्वितीय अजमेर व तृतीय स्थान हनुमानगढ़ ने प्राप्त किया है। समारोह में सीईओ भवानीसिंह पलावत, डीपीएम ललितसिंह झाला, आईपीई ग्लोबल परमवीरसिंह, डिप्टी ईपीएफओ सुनील जोशी, परिवार कल्याण से कविता सहित स्टाफ मौजूद रहा।
क्या है एमपीवी
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ भरतराम मीणा ने बताया कि चिकित्सा विभाग ने परिवार कल्याण क्षेत्र में कार्य करने के लिए एमपीवी और नोन एमपीवी दो भागों में जिलों को बांटा है। एमपीवी का मतलब मिशन परिवार विकास अभियान है। यह 14 जिलों में विशेष तौर पर चलाया जाता है। जिसमें बांसवाड़ा सहित जालौर, बाड़मेर, जैसलमेर, उदयपुर, पाली, राजसमंद, सिरोही, सवाईमाधोपुर, धौलपुर, बारां, भरतपुर, डूंगरपुर व करौली जिला शामिल है। जिसमें परिवार कल्याण के लिए विशेष जगजागृति पैदा की जाती है।
बांसवाड़ा ने प्राप्त की यह उपलब्धि
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ भरतराम मीणा ने बताया कि जिले में नसबंदी का लक्ष्य 8887 रखा था। जिसमें 7666 अचीवमेंट प्राप्त किया। जिसमें पुरूष नसबंदी के 15 केस है। वहीं अंतरा इंजेक्शन के लिए लक्ष्य 3406 था, लेकिन जिले की स्वास्थ्य टीमों ने उम्दा काम करते हुए 6561 का अचीवमेंट प्राप्त किया। यह लक्ष्य के मुकाबले 192 फीसदी है। प्रथम स्थान में चयन करने के लिए सेवा देने वाले इंस्टियुट की संख्या को भी देखा जाता है। जिसमें भी बांसवाड़ा अव्वल रहा। हमारे जिले में अंतरा इंजेक्शन 455 सब सेंटर में से 447 के अंदर लगाया गया। यह 99 फीसदी है। वहीं परिवार कल्याण की विभिन्न सामग्री का उपयोग शत प्रतिशत एएनएम की ओर से किया गया। इन अचीवमेंट के आधार पर ही बांसवाड़ा को प्रथम स्थान की उपलब्धि मिली।
