शहर में दो बेटियों ने मां की अर्थी को कांधा देकर बेटे का फर्ज निभाया

परिवार के लोगों ने अर्थी तैयार करने के बाद कंधा कौन देगा? जब यह प्रश्न आया तो दोनों बेटियां नेहा और प्रीती गमगीन माहौल के बीच से उठी और अर्थी को कांधा देने पहुंची। दोनों बहनों ने अर्थी को कंधा देकर मुक्तिधाम कागदी पिकअप वेयर पहुंचे। यहां दाह संस्कार के दौरान मुखाग्नि की रस्म बेटी प्रीती के पुत्र प्रज्ञान ने पूरी की। इससे करीब दो साल पहले दोनों बेटियों ने पिताजी के मृत्यु के बाद भी उनकी अर्थी को कंधा देकर अपना फर्ज निभाया था। समाजसेवी राजेश भावसार ने बताया कि कविताभावसार उनकी बुआ थी।