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शहर में दो बेटियों ने मां की अर्थी को कांधा देकर बेटे का फर्ज निभाया

Banswara
शहर में दो बेटियों ने मां की अर्थी को कांधा देकर बेटे का फर्ज निभाया
@HelloBanswara - Banswara -
बांसवाड़ा| दिवंगत होने पर बेटे ही अर्थी को कंधा देगा, यह परंपरा अब बदलने लगी है। गुरुवार को शहर के कस्टम रोड निवासी प्रीति भावसार व नेहा भावसार ने अपनी मां की अर्थी को कंधा देकर बेटों का फर्ज निभाया। कस्टम चौराहा निवासी करीब 60 वर्षीय कविता भावसार पत्नी सुरेंद्र भावसार ने अंतिम सांस ली। इनके कोई बेटा नहीं है, दो बेटियां ही हैं। मां के दिवंगत होने पर दोनों बेटियां मां के अंतिम दर्शन करने घर पहुंची।

परिवार के लोगों ने अर्थी तैयार करने के बाद कंधा कौन देगा? जब यह प्रश्न आया तो दोनों बेटियां नेहा और प्रीती गमगीन माहौल के बीच से उठी और अर्थी को कांधा देने पहुंची। दोनों बहनों ने अर्थी को कंधा देकर मुक्तिधाम कागदी पिकअप वेयर पहुंचे। यहां दाह संस्कार के दौरान मुखाग्नि की रस्म बेटी प्रीती के पुत्र प्रज्ञान ने पूरी की। इससे करीब दो साल पहले दोनों बेटियों ने पिताजी के मृत्यु के बाद भी उनकी अर्थी को कंधा देकर अपना फर्ज निभाया था। समाजसेवी राजेश भावसार ने बताया कि कविताभावसार उनकी बुआ थी।

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