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फेसबुक लाइव में चौपदार बोले-कैबिनेट मंत्री ने टीएसपी के 132 लोगों को 5.50-5.50 लाख रुपए में बांटे पेपर

Banswara
फेसबुक लाइव में चौपदार बोले-कैबिनेट मंत्री ने टीएसपी के 132 लोगों को 5.50-5.50 लाख रुपए में बांटे पेपर
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  • अब बांसवाड़ा में सियासत गरमाई; सोशल मीडिया पर 2:13 मिनट का वीडियो वायरल होने के बाद कैबिनेट मंत्री मालवीया ने दर्ज कराई शिकायत, उदयपुर पुलिस ने की युवक की पहचान, युवक असलम चौपदार राजस्थान रोजगार महासंघ का प्रदेशाध्यक्ष

रीट पेपर लीक मामले की आंच मंगलवार को बांसवाड़ा तक पहुंच गई। सोशल मीडिया में वायरल हुए एक वीडियो में एक युवक ने दावा किया कि टीएसपी क्षेत्र के एक कैबिनेट मंत्री ने 5.50-5.50 लाख रुपए में रीट के पेपर बंटवाए। हालांकि इसमें सीधे तौर पर मालवीया का नाम नहीं लिया है। 2:13 मिनट का वीडियो बांसवाड़ा और डूंगरपुर में तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में मंत्री सुभाष गर्ग और कई सरकारी अफसरों के नाम शामिल थे।

देर शाम को कैबिनेट मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने बांसवाड़ा एसपी को परिवाद देकर सभी आरोपों को झूठा बताते हुए युवक पर मानहानि की शिकायत की। एसपी राजेश कुमार ने बताया कि उदयपुर पुलिस की मदद से युवक की पहचान कर ली गई है। वह फिलहाल उदयपुर में है।

युवक का नाम असलम चौपदार है और वह चूरू का रहने वाला हो सकता है। उसे पूछताछ के लिए बांसवाड़ा बुलाया है। उसके बाद ही मामला स्पष्ट होगा। कैबिनेट मंत्री मालवीया ने एसपी को लिखित शिकायत में बताया कि उन्हें उनके परिचितों के जरिए वायरल वीडियो के बारे में पता चला।

इसमें उन्हाेंने बताया कि उनकी छवि खराब करने और प्रतिष्ठा काे क्षति पहुंचाने के लिए वीडियाे वायरल किया गया है। वर्तमान में रीट काे लेकर संवेदनशील हालात बने हुए हैं। इन परिस्थितियों का फायदा उठाकर उन्हें और राजस्थान सरकार काे बदनाम और मानहानि के उद्देश्य से वीडियो बनाया गया है। उन्होंने आराेप लगाया कि वायरल लाइव वीडियाे के दाैरान कई लाेगाें ने कमेंट में महेंद्रजीतसिंह मालवीया लिखा है, जिसका समर्थन युवक कर रहा है।

2:13 मिनट के वायरल वीडियो में दावा-एसओजी की टीम बांसवाड़ा आई थी, हर इलाके में पेपर भेजे, सबूत हैं, बांसवाड़ा पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया

एक एसओजी की टीम बांसवाड़ा आई। ... एक कैबिनेट मंत्री, वर्तमान कैबिनेट मंत्री ने अपने चहेते टीएसपी के क्षेत्रों के युवाओं के साथ गड़बड़ी करते हुए उन्होंने उनके सपनों को बेचते हुए, बिल्कुल उस मंत्री का नाम मैं सार्वजनिक करूंगा। दाेस्तों जितने भी युवा साथी जो जुड़े हुए हैं, शेयर करें ज्यादा से ज्यादा, क्योंकि-यह बात उस मंत्री के कान तक भी पड़नी चाहिए कि मैं किसी से डरता नहीं हूं। जो युवाओं के सपने बेचता है, जो युवाओं के साथ खिलवाड़ करता है। उसके लिए हम युवा सारे एक जुट होंगे और ध्यान रखिए।

हमें अब सरकार के खिलाफ एकजुट होकर आंदोलन करना पड़ेगा और दलालों से बचकर रहना है। ... मैं कह रहा हूं, उन्होंने 5,50,000 रुपये के हिसाब से पेपर बांटे और अपने क्षेत्र में। गहलाेत साहब के करीबी हैं और गहलाेत साहब के सीएमओ के एक वरिष्ठ अधिकारी, सभी लोग जानते हैं कि पिछली सरकार में भी वाे वरिष्ठ थे। गहलोत साहब के करीबी थे और अभी करीबी हैं। उन्होंंने सुभाष गर्ग के साथ श्रय करके उन्होंनें काम िकया। वर्तमान में सीएम साहब की नाक के नीचे उस अधिकारी के साथ मिलकर हर क्षेत्र में पेपर भिजवाए गए, लेकिन उसका प्रूफ हमारे पास आ चुका है।

....टीएसपी क्षेत्र में 150 लोगों में से 132 लोगों...की टीम बनाई गई थी। 150 में से 132 लोगों को उन्होंने पेपर बांट दिए। जिनसे साढ़े पांच-साढ़े पांच लाख रुपए लिए गए।...एक और बड़ा मगरमच्छ...। (वायरल वीडियाे के संपादित अंश। यह बातें मंत्री मालवीया ने भी अपने परिवाद में लिखी हैं।)

मालवीया बोले-सभी आरोप झूठे, पब्लिकसिटी स्टंट है, छवि खराब करने का प्रयास

भास्कर पड़ताल, 1 दिन पहले फेसबुक पर असलम ने कहा-नेताओं को जूते मारो, कई बार मंत्री गर्ग का नाम भी लिया

भास्कर ने वायरल वीडियो की पड़ताल की। ये वीडियो असलम चौपदार के फेसबुक लाइव का है। उसने यह लाइव सोमवार को रात 8:08 बजे किया था। लाइव का कैप्शन लिखा-रीट पेपर में एक और बड़े मगरमच्छ कैबिनेट मंत्री, सीएमओ के अधिकारी के नामों के साथ असलम चौपदार। असलम की फेसबुक आईडी पर उसने खुद को राजस्थान रोजगार महासंघ का प्रदेशाध्यक्ष बताया है। उसने फेसबुक लाइव पर 24 मिनट 23 सैकंड तक लोगों से बातचीत की थी। उसने यहां तक कहा कि नेताओं को जूते मारो।

सरकार रीट मामले की पूरी जांच दबा देगी। दावा किया कि 132 लोगों की पूरी लिस्ट है, जिन्हें पेपर दिए गए। ओएमआर शीट नष्ट कर दी जाएगी। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने ज्यादा बदनामी करवा ली, लेकिन उनका इस खेल में ज्यादा हाथ नहीं है। उसने मंत्री सुभाष गर्ग पर कई आरोप लगाए। दावा किया कि वह एक-दो दिन में सभी लोगों के नाम सार्वजनिक करेगा। पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। चौपदार ने अपने वीडियो में खुद महेंद्रजीत मालवीया का नाम नहीं लिया। कमेंट बॉक्स में कई लोगों ने मालवीया के नाम का जिक्र किया, जिस पर उसने कहा कि कई साथी समझदार हैं।

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