सत्ता में आने पर कानून से भी ऊपर हो जाते है क्या?, यहाँ आम आदमी होता तो पुलिस इतनी छुट देती क्या? कानून सिर्फ आम आदमी के लिए ही है क्या?

आम आदमी की शादी में फायरिंग होती तो क्या पुलिस सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देकर गिरफ्तार नहीं कर लेती?
पुलिस ने न तो पूछताछ की और न ही कोई मुकदमा
बाराती गांवों से थे, बंदूकें कौन लाया पता नहीं, जांच कर रहे हैं
बांसवाड़ा कहावत है कि ‘जब सैंया भये कोत वाल तो डर काहे का।’ कैबिनेट मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय के बेटे की शादी में हुई हर्ष फायरिंग की घटना को सात दिन बित चुके हैं, लेकिन पुलिस की जांच एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है। सवाल उठने लगे कि क्या मंत्री और उनके परिवार सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा है? या फिर उन्हें कानून हाथ में लेने का पूरा अधिकार बांस वाड़ा पुलिस ने दे दिया है? जांच अधिकारी ने दाे दिन पहले तक किसी से पूछताछ तक नहीं की थी। पुलिस सात दिन बाद भी यह नहीं बता पा रही है कि वायरल वीडियो में बंदूक लहराने वाले काैन थे? बंदूकें किनकी थी और कितनी थी?
पहले वीआईपी ड्यूटी का बहाना था
पुलिस इस मामले की जांच हाउसिंग बाेर्ड चाैकी प्रभारी एएसआई कैलाशसिंह काे साैंपी गई है। शुरुआती दाे दिन तक उन्हाेंने कहा कि वह वीआईपी ड्यूटी में व्यस्त थे, लेकिन इसके बाद भी 5 दिन गुजर गए। प्रकरण की जांच काे लेकर जब उनसे संपर्क किया गया ताे उन्हाेंने काॅल रिसीव नहीं किया। काेतवाल रतनसिंह चाैहान ने बताया कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। गांव से बड़ी संख्या में बाराती आए थे, कौन बंदूकें लाया था और किसने इसका इस्तेमाल किया, इसकी जांच कर रहे हैं।
सवाल : वायरल वीडियो में मंत्री के बेटे आनंदपुरी के उपप्रधान प्रेम प्रतापसिंह को साफतौर पर दो-दो बंदूकों से फायरिंग करते देखा जा सकता है। पुलिस सात दिन से सिर्फ एक ही बयान दे रही है कि जांच चल रही है? भास्कर का सवाल है कि अगर यहीं फायरिंग किसी आम आदमी की शादी में हुई होती तो क्या पुलिस उसे इतनी ही छूट देती, जितनी मंत्री के बेटे होने पर दी जा रही है?
कैबिनेट मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया : शादी में क्या हुआ मुझे पता नहीं इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना
कानून के उल्लंघन पर चुप्पी
दैनिक भास्कर ने कैबिनेट मंत्री महेंद्रजीतसिंह मालवीया से बात की। उन्होंने कहा-वे शादी में व्यस्त थे। मुझे नहीं पता कि शादी में क्या हुआ? कानून के उल्लंघन पर पूछा तो बोले-नो कमेंट। अब सवाल यह है कि मंत्री के बेटे की शादी में उनका बेटा खुलेआम फायरिंग कर रहा है। उसके वीडियो सबूत है, फिर भी उन्हें फायरिंग के बारे में कुछ पता नहीं हो, यह कैसे हो सकता है? जबकि उनके समधी पूर्व राज्यमंत्री धनसिंह रावत पहले ही इस घटना काे सामान्य बता चुके हैं।
ये वीडियो : मंत्री का बेटा प्रेमप्रताप कर रहा फायर शादी में फायरिंग के 3 से ज्यादा वीडियो वायरल है। एक वीडियो में 4 लोगों ने हाथ में टोपीदार बंदूकें दिखाई दे रही है। दूसरे में मंत्री के बेटे सहित कई लोग फायरिंग की तैयारी कर रहे हैं तीसरे में मालवीया के बड़े बेटे और आनंदपुरी उपप्रधान प्रेम प्रताप दोनों हाथ में बंदूक लेकर हवाई फायर कर रहे हैं।
नियम- 5 साल तक की सजा व 1 लाख का जुर्माना, मौत पर 14 साल की जेल
हर्ष फायरिंग के मामलों में गैर लाइसेंसी हथियार से फायरिंग करने वालों पर आर्म्स एक्ट की धारा 25(1)-b(a) लगाई जाती है। इसमें 2 साल से 5 साल की सजा होती है। एक लाख का तक फाइन हो सकता है। लाइसेंसी हथियार से फायरिंग के मामलों में दोषियों के लिए 6 महीने की सजा और 2 हजार तक का जुर्माने का प्रावधान है। पुलिस की जांच में लाइसेंसी हथियार का गलत इस्तेमाल सामने आने पर लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है, लेकिन अगर इन मामलों में किसी को गोली लग जाती और उससे उसकी मौत हो जाती है तो 14 साल तक जेल में रहना पड़ सकता है।
