जंगलों में कितने पेड़ कटे, 10 दिन बाद भी वन विभाग गिन नहीं पाया
जिले के जंगलों में पेड़ों को कटने से बचा नहीं पा रहा वन विभाग अब अपनी ढीली निगरानी पर पर्दा डालने की कोशिश में लगा है। 4 वनक्षेत्रों में 1 हजार से ज्यादा पेड़ों के ठूंठ मिलने का गंभीर मामला सामने आने के 10 दिन बाद भी विभाग यह बता पाने की स्थिति में नहीं है कि जंगलों में आखिर कितने पेड़ कट चुके हैं।
उपवन संरक्षक जिग्नेश शर्मा से जब इस संबंध में बात की तो वे पेड़ों की कटाई से उलट अपने गश्तीदल और लकड़ियों की जब्ती की कार्रवाईयां गिनाने लगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में उच्च कार्यालय से जांच की जा रही है। ऐसे में स्थानीय कार्यालय की जांच मायने नहीं रखती। इसलिए वह नहीं बता सकते कि कितने पेड़ कटे। जंगलों से बड़ी संख्या में पेड़ कटने का मामला सामने आने के बाद पिछले दिनों उदयपुर से विजिलेंस की एक टीम जांच के लिए आई लेकिन अब तक वन विभाग की ओर से इस केस में कितने पेड़ कटे?
इनमें कितने पुराने और कितने ताजा ठूंठ मिले? क्या कार्रवाई की गई? इसे लेकर कोई जानकारी साझा नहीं की गई है। चिंता की बात इसलिए भी है कि क्योंकि हाल ही में वनकर्मियों की मिलीभगत से वागड़ के जंगलों से लकड़ी तस्करी कर गुजरात भेजने का मामला सामने आ चुका है। एसीबी अवैध लकड़ी से भरे कंटेनर को गुजरात बिना जांच ले जाने के एवज में रिश्वत लेते राजसमंद, डूंगरपुर के एक रेंजर व एक वनपाल को गिरफ्तार कर चुकी है। उल्लेखनीय है कि दैनिक भास्कर ने 10 जुलाई के अंक में जिले के गढ़ी, बागीदौरा, घाटोल और कुशलगढ़ जंगलों 1 हजार से भी ज्यादा पेड़ काटकर तस्करी करने के मामले का खुलासा किया था।