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130 साल में पहली बार भूंगड़ा में सांकेतिक हाेगा चौपड़ा वाचन

Banswara
130 साल में पहली बार भूंगड़ा में सांकेतिक हाेगा चौपड़ा वाचन
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130 वर्षों से हर साल मकर सक्रांति पर भूंगड़ा में चौपड़ा वाचन का बड़ा आयोजन होता है। यहां आसपास के गांवों से 50 हजार से एक लाख लोग भविष्य जानने आते हैं। कोई खेत की मेड़ पर तो कोई पेड़ पर, जिसको जहां जगह मिलती है, वह वहां बैठ जाता है। भविष्य बताने वाला यह चौपड़ा वाचन कार्यक्रम इस बार केवल सांकेतिक होगा। कोरोना संक्रमण के कारण जिला कलेक्टर ने वहां आयोजन करने की अनुमति नहीं दी है। इस संबंध में कार्यक्रम की व्यवस्था समिति के अध्यक्ष सोहन लाल पटेल सहित पदाधिकारियों और सदस्यों ने जिला कलेक्टर को सोमवार को ज्ञापन दिया। जिसमें उन्होंने कोविड-19 के नियमों के तहत चौपड़ा वाचन कार्यक्रम की स्वीकृति मांगी। जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने कहा कि इस बार कोविड-19 के नियमों के तहत इतने बड़े कार्यक्रम को रखे जाने की स्वीकृति देना संभव नहीं है। ज्ञापन देने वालों में सरपंच गोरछा रमेश, भूंगड़ा सरपंच मनोहर लाल डोडियार उपसरपंच सोहनलाल, विश्व हिंदू परिषद के प्रखंड संयोजक प्रदीप चारेल, वैष्णव समाज के अध्यक्ष कन्हैयालाल, रायसिंह आदि मौजूद रहे।

चाैपड़ा वाचक पं. दक्षेश पंड्या ने बताया कि इस बार प्रशासन से स्वीकृति नहीं मिली है। समिति के लोगों निर्णय लिया कि मकर संक्रांति के दिन सिर्फ सांकेतिक रूप से परंपरा को जारी रखे जाने के लिए पांच लोगों की दाे गज दूरी बनाते हुए चौपड़ा वाचन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वे संक्रांति के दिन गरनावट और भूंगड़ा गांव परंपरा के अनुसार जाएंगे, लेकिन वहां चौपड़ा वाचन कार्यक्रम नहीं होगा।

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