2.97 लाख परिवारों को रियायती सिलेंडर देने के लिए हर सदस्य का फिंगर प्रिंट जरूरी, हजारों सदस्य खाड़ी देशों में, प्रक्रिया अटकी
जिले में खाद्य सुरक्षा योजना में पात्र 2 लाख 97 हजार 76 परिवारों को रियायती दर पर एलपीजी गैस सिलेंडर उपलब्ध के लिए जरूरी ई-केवाईसी की प्रक्रिया तकनीकी उलझनों में उलझकर रह गई है। ई-केवाईसी नहीं होने से लाखों परिवारों की एलपीजी आईडी मैपिंग भी अटकी हुई है। रसद अधिकारी हजारीलाल आलोरिया ने बताया कि सरकार की ओर से चयनित परिवारों की एलपीजी आईडी मैपिंग का काम 5 नवंबर से शुरू कर दिया है, लेकिन अब तक 30 हजार 441 परिवारों की ही केवाईसी मैपिंग हो पाई है। सबसे ज्यादा परेशानी उन परिवारों में सामने आ रही है, जिनके सदस्य खाड़ी देशों में रोजगाररत हैं।
ऐसे में कई परिवारों का एलपीजी आईडी मैपिंग का काम अटक गया है। केवाईसी में परिवार के हर सदस्य के फिंगर प्रिंट लिया जाना आवश्यक है। इसे लेकर अब रसद विभाग ने विशिष्ट सहायक, खाद्य मंत्री को पत्र लिख मैपिंग में हो रही देरी की तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी है। रसद अधिकारी हजारी लाल आलोरिया ने जिले में केवाईसी अपडेशन में हो रही देरी के पीछे 8 प्रमुख वजह बताई है। डीएसओ ने बताया कि जनजाति बाहुल बांसवाड़ा में ज्यादातर परिवारों में कोई न कोई सदस्य खाड़ी देशों और अन्य राज्यों में रोजगाररत हैं। ऐसे में उनकी ई-केवाईसी नहीं हो पा रही है। अन्य राज्यों में रह रहे लोगों ने उन राज्यों में ई-केवाईसी करवाई है, लेकिन वह राजस्थान में रिफ्लेक्ट नहीं हो पा रही। इस वजह से वहा ई-केवाईसी करवाने पर भी फायदा नहीं मिल पा रहा। {5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के (कई मामलों में 10 वर्ष तक ) फिंगर प्रिंट नहीं लगने से उन परिवारों की ई-केवाईसी नहीं हो रही। {कुछ परिवारों में यह परेशानी आ रही है कि एलपीजी कनेक्शन धारक मुखिया की मौत हो जाने पर कनेक्शन अन्य सदस्य के नाम ट्रांसफर भी करवा दिए लेकिन पोस मशीन में पहले के कनेक्शन धारक का नाम ही आ रहा है।
{कुछ परिवारों की एलपीजी आईडी मैप करने पर सॉफ्टवेयर में डेटा ही नहीं मिल पा रहे, तो कुछ परिवारों में जनाधारा से मैपिंग नहीं होने से भी प्रक्रिया अटक गई है। इसके लिए डीएसओ से लॉगइन पर जनाधार मैपिंग करने पर भी एरर दर्शा रहा है। { खाद्य सुरक्षा में जुड़े नए परिवार, जिनकी राशन कार्ड सीरिज 000811 से शुरू हो रही है, उनकी ई-केवाईसी करने पर (Expection) अपवाद प्रदर्शित हो रहा है। { खाद्य सुरक्षा योजना में नए सदस्यों को जोड़ने पर जिन महिलाओं की ई-केवाईसी पीहर में हो चुकी थी और जिनका नाम पीहर से काटकर ससुराल के राशन कार्ड में जोड़ा था, उन महिलाओं की भी ससुराल में ई-केवाईसी नहीं हो पा रही है।
जिले में 5 लाख 39 हजार 913 राशन कार्ड बने हुए हैं। 3 लाख 55 हजार 409 परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित है। 260014 परिवारों को उज्जवला योजना में गैस कनेक्शन मिला हुआ है, जिनकी एलपीजी आईडी मेपिंग हो चुकी है। सरकार 2,09,776 परिवारों को भी रियायती दर पर एलपीजी गैस सिलेंडर देना है। इसलिए आईडी मेपिंग की जा रही है।