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लापरवाही से पानी का परंपरागत स्त्रोत खतरे में, ग्रामीणों ने कचरा डालकर इसे डंपिंग यार्ड बना दिया

Banswara
लापरवाही से पानी का परंपरागत स्त्रोत खतरे में, ग्रामीणों ने कचरा डालकर इसे डंपिंग यार्ड बना दिया
@HelloBanswara - Banswara -

बागीदौरा बागीदौरा कस्बे में अव्यवस्थाओं, अकर्मण्यता, अतिक्रमण और अनदेखी के चलते परंपरागत जल स्त्रोत, ऐतिहासिक व धार्मिक पृष्ठभूमि से जुड़ा गमेरा तालाब की गंदगी से युक्त दयनीय हालत और पसारता अतिक्रमण ग्राम पंचायत व प्रशासन की उदासीनता को दिखा रहा है। जिस कारण 150 वर्ष से भी ज्यादा पुराना गमेरा तालाब का अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर है।

अतिक्रमण के कारण धीरे-धीरे ताला​ब अपना मूल स्वरूप और आकार खोता जा रहा है। ग्रामीणों ने कचरा डालकर इसे डंपिंग यार्ड बना दिया हैं। तालाब के आस-पास हानिकारक वनस्पति उग आई हैं। झाड़ियों उगने से जल स्तर कम होने पर तालाब सूखने को हैं। जिससे पशु-पक्षियों, जलीय जीवों के लिए पारिस्थितिकी संकट खड़ा हो गया हैं। बुजुर्ग बताते हैं कि 70 वर्ष पूर्व गर्मी में पेयजल संकट के चलते इसी गमेरा तालाब में सुबह 2 बजे उठकर पानी के लिए गड्ढे खोदकर पानी की आव से भरकर लाते थे। इसी तालाब की मिट्टी से घरों में लिपाई का काम भी किया जाता था। कस्बे के नए बस स्टैंड पर पॉलीथिन की थैलियों व कूड़े करकट क​े ढेर लगे पड़े हैं। जिसमें बेसहारा पशु खाद्य सामग्री के साथ पॉलीथिन खा रहे हैं। बस स्टैंड के पास घरों में रहने वाले वाशिंदे और दुकानदार बदबू से परेशान हैं। जिससे लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ व बस स्टैंड का सौंदर्य धूमिल होता जा रहा हैं। लेकिन जिम्मेदार ग्राम पंचायत, प्रशासन व जनप्रतिनिधि कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। हालत यह है कि गांव का पूरा कचरा यहां डाला जा रहा हैं।

इस तालाब की पाल पर पीपल और आम के विशाल पेड़ थे। उस जमाने में सड़क नहीं होने से कीचड़ युक्त रास्ते से गुजरना पड़ता था। यहां होली पर राड भी खेली जाती थी। वहीं पहाड़ी पर अंबा माता मंदिर जाने के लिए गमेरा तालाब के किनारे पैदल चल कर जाना पड़ता था। इसकी मिट्टी/मड़ बढ़िया किस्म से ईंटो का निर्माण कर मकानों में उपयोग किया जाता था। जब वणसौर तालाब की पाल टूटी तो गमेरा तालाब वरदान साबित हुआ था।

.तालाब के चारों ओर पक्के घाट का निर्माण करना . बागवानी विकसित हो . चारों ओर पौधारोपण हो . सोलर लाइटिंग से रात का सौंदर्यीकरण किया जाए . लेजर फाउंटेन विकसित हो . पर्यटन के लिए चिल्ड्रन पार्क, बैंच लगाना, चौपाटी बनाना . गंदगी, जलीय वनस्पति को निकाल गहराईकरण हो . फिटनेस के लिए वॉकिंग रनिंग ट्रैक । . पार्किंग स्थल बने । . अतिक्रमण हटे बागीदौरा. दुर्दशा का शिकार 150 साल पुराना गमेरा तालाब।

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