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नई आबादी में कुत्ते ने 12 लोगों पर किया हमला, 2 गंभीर घायल जिम्मेदार भूले; नगर परिषद छह महीने से इनको नहीं पकड़ रही

Banswara
नई आबादी में कुत्ते ने 12 लोगों पर किया हमला, 2 गंभीर घायल जिम्मेदार भूले; नगर परिषद छह महीने से इनको नहीं पकड़ रही
@HelloBanswara - Banswara -

शहर में एक बार फिर कुत्तों के हमले ने शहरवासियों की चिंता बढ़ा दी है। नई आबादी इलाके में सोमवार को कुत्ते ने राहगीरों पर हमला कर जख्मी कर दिया। वहीं एक महिला के हाथ में रक्तस्त्राव रोकने के लिए 5 टांके लेने पड़े। कुत्ते ने रास्ते में जो आया उसे काटा। आखिर सूचना पर नगर परिषद की टीम पहुंची और काफी मशक्कत के बाद कुत्ते पर काबू पाया। हालाकि इससे पहले कुत्ता 12 लोगों को जख्मी कर चुका था।

नई आबादी निवासी फातिमा दाहिनी सुबह 11 बजे पैदल बाजार से घर लौट रही थी। रास्ते में कुत्ते ने हमला कर हाथ और अन्य जगहों पर नोंच डाला। हमले में घायल फातिमा के दाहीने हाथ मे 5 टांके लगाए गए। इसके बाद कुत्ते ने इसी क्षेत्र में राहगीर नफीसा पर भी हमला कर दाये पैर पर काट लिया।

इसके बाद कुत्ते ने इस क्षेत्र में 10 और लोगों पर हमला कर दिया। नई आबादी क्षेत्र निवासी मुर्तजा रतलामी ने बताया कि इलाके में कुत्तों के आतंक से लोग दहशत में है। एक दर्जन लोगों को एक ही कुत्ते ने जख्मी कर दिया। क्षेत्रवासियों ने कुत्तों को पकड़ने के लिए नगर परिषद को चिट्ठी भी लिखी है। मॉर्निंग वॉक पर निकले युवक के दाहिने पैर में काटा। जीजीटीयू केंपस के समीप भी एक अन्य घटना में कुत्ते के हमले में माही सरोेवर निवासी दीपक शर्मा जख्मी हो गए।

दीपक रोजाना की तरह मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। इसी दौरान कुत्ते ने उनकी दाहिनी पैर पर काट लिया। इसी प्रकार अन्य घटनाक्रम में अमलीपाड़ा निवासी िवजय, बारी िनवासी वसुंधरा, बाबा बस्ती िनवासी अशोक समेत िजले में 16 लोग कुत्तों के हमले में जख्मी हुए। सभी घायलों को एमजी अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया। उल्लेखनीय है कि 20 िदन पहले भी एक कुत्ते ने मुस्लिम कॉलोनी में 12 लोगों को नोंच डाला था। पिछले साल जिलेभर में 4497 डॉग बाइट के मामले सामने आए थे। अस्पताल में महिला का इलाज करते चिकित्साकर्मी। 4 माह में 2085 लोग जख्मी जनवरी : 585 फरवरी: 430 मार्च: 585 अप्रैल: 485 शहर में धरपकड़ नहीं, वार्डों में संख्या बढ़ रही डॉग बाइट के मामलों में गांव से भी ज्यादा बदतर हालात शहर में हैं। यहां हाल ही में वार्डों में दिखाई दिए 50 से ज्यादा कुत्तों के दल दिखाई देते हैं। नगरपरिषद की ओर से कुत्तों की धरपकड़ की मुहिम शुरू नहीं करने से उनकी संख्या तेजी से बढ़ी है। कुत्तों को पकड़कर जंगल में छोड़ने का भी कोई प्रयास नहीं हो रहा। कुत्तों की तादाद पर नियंत्रण के लिए नसंबदी भी नहीं करवाई जा रही है। इससे पहले नगर परिषद प्रशासन विधानसभा चुनाव में व्यस्तता का हवाला देकर टालता रहा। लेकिन इसके बाद भी इसे लेकर कोई सार्थक प्रयास नहीं हुए। कुत्तों के संरक्षण को लेकरकार्यरत एनजीओ भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे। एमजी अस्पताल में डॉग बाइट कुछ केस तो इतने गंभीर होते हैं कि उन्‍हें एंटी रेबीज इंजेक्‍शन या वैक्‍सीन के साथ एंटी रेबीज सीरम भी देना पड़ रहा है, ताकि वैक्‍सीन का असर होने तक मरीज में रेबीज के वायरस के खिलाफ पैसिव इम्युनिटी बन सके। ^शहर में कुत्ते के हमले की जानकारी पर तत्काल हमारी टीम नई आबादी गई और कुत्ते को काबू में किया। लगातार कुत्तों के बढ़ते हमले को लेकर हमनें टीमें बना दी है जो जल्द ही कुत्तों को पकड़कर शहर से बाहर छोड़ेगी। -सुहैल शेख, आयुक्त, नगरपरिषद

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