ओपीडी से गायब मिले डॉक्टर, मरीज परेशान:बीसीएमओ बोलीं- परतापुर सीएचसी के डॉक्टर मुझे कोई जानकारी नहीं देते
जिले के परतापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में अनियमितता और डाक्टरों की लापरवाही का खमियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। सबसे बड़ी समस्या अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति है। क्योंकि यहां डॉक्टर अस्पताल में नहीं बल्कि घरों में मरीजों का इलाज करते है। मंगलवार को भी ऐसी ही स्थिति समाने आई। अस्पताल में कुल 7 डॉक्टर कार्यरत हैं। लेकिन ओपीडी के समय में महज एक ही डॉक्टर इलाज करते हुए देखा गया। अन्य 6 डॉक्टर में एक भी अस्पताल मौजूद नहीं था। इसमें भी एक डॉक्टर घर पर मरीजों को देख रहा था। जहां बाहर मरीज अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।
अस्पताल में लैब के बाद भी बाहरी लैब में जांच की सलाह
अस्पताल पहुंच कर देखा तो वहां डॉक्टर रामनिवास अकेले कार्यरत थे। मरीज की जांच के लिए वो बाहर की लैबोरेटरी में जांच के लिए पर्ची बना रहे थे। जब पर्ची का फोटो लेने की कोशिश की तो उन्होंने फाड़ दी। जब डॉक्टर से पूछा तो कहा कि अस्पताल में लैब 12 बजे तक ही चलती है। इसके बाद मरीज जहां मर्जी हो वहां जांच करा सकता है। लेकिन खास बात यह कि तब 12 बजने में भी 10 मिनट की देरी थी। लैब स्टाफ ने भी कहा कि डॉक्टर लिखता है तो 12 बजे बाद भी जांच करते हैं।
परतापुर में डॉक्टर द्वारा घरों में जांच का यह पहला मामला नहीं है। यहां मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एचएल ताबियार निरीक्षण में ऐसी स्थिति के कारण संबंधित डॉक्टरों को नोटिस दे चुके हैं। लेकिन डॉक्टरों की मनमर्जी वहां बंद नहीं हुई है।
इनका कहना है
चिकित्सा प्रभारी डॉ अजय पाल का कहना है कि मैं अभी बाहर हूं। अगर डॉक्टर अस्पताल में नहीं है तो जानकारी जुटाता हूं। साथ ही बाहर की लैब पर जांच करने का कोई डॉक्टर लिखता है, तो यह गलत हैं। इस मामले को दिखाता हूं। आज चार डाक्टरों की ड्यूटी थी। ऐसा हो सकता है कि कोई डॉक्टर राउंड पर गया हो।
वहीं, डॉ. दीपिका रोत मुख्य ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी परतापुर का कहना है कि मेरे पास ब्लॉक की दूसरी सीएचसी एयर पीएचसी में डॉक्टर छुट्टी पर जाते हैं तो मुझे बताते हैं। लेकिन लेकिन परतापुर सीएचसी का कोई स्टाफ मुझे इसकी जानकारी नहीं देता है।