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बांसवाड़ा में जनजाति भवन में बैठे रहे संभागीय आयुक्त-IG: संभाग बने एक साल पूरा, लेकिन ऑफिस निर्माण के लिए नहीं मिला बजट; उदयपुर से हो रहे काम

Banswara
बांसवाड़ा में जनजाति भवन में बैठे रहे संभागीय आयुक्त-IG: संभाग बने एक साल पूरा, लेकिन ऑफिस निर्माण के लिए नहीं मिला बजट; उदयपुर से हो रहे काम
@HelloBanswara - Banswara -

बांसवाड़ा संभाग को बने हुए ठीक एक साल बीत चुका है। पिछली कांग्रेस सरकार ने मार्च 2023 में बांसवाड़ा को संभाग बनाने की घोषणा की थी। जिसके 5 माह बाद 7 अगस्त के दिन बांसवाड़ा संभाग बन गया।

लेकिन 1 साल बाद भी बांसवाड़ा को संभाग स्तर की सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। संभाग बनने से स्थानीय लोगों और सरकारी कार्मिकों को उम्मीद थी कि अब उन्हें उदयपुर तक 165 किमी का सफर नहीं करना पड़ेगा। उनके काम बांसवाड़ा में ही हो सकेंगे और उन्हें राहत मिलेगी, लेकिन एक साल बाद भी ऐसा परिवर्तन नहीं आया है।

आयुक्त और आईजी लगाए, लेकिन फिक्स ऑफिस नहीं
सरकार की घोषणा के बाद संभागीय आयुक्त नीरज के पवन और आईजी एस परिमला के नाम बांसवाड़ा के पहले संभाग स्तर अधिकारी बनने का तमगा लगा है। दोनों अफसरों के कार्यालय भी बांसवाड़ा में ही खोले गए है। लेकिन दोनों के पास बैठने के लिए खुद का न तो कोई दफ्तर है और न ही दोनों को काम के लिए पर्याप्त कार्मिक मुहैया करवाए गए है। दोनों अधिकारियों के कार्यालय वर्तमान में कलेक्ट्रेट परिसर में बने जनजाति भवन में चलाए जा रहे हैं। यहीं नहीं TAD का दफ्तर भी यहीं से संचालित हो रहा हैं। जिसमें कार्मिक डेपुटेशन पर काम कर रहे हैं।

जमीन आवंटित की, लेकिन निर्माण का बजट नहीं दिया
राज्य सरकार की ओर से संभाग बनाने के बाद कार्यालय के जमीन का आवंटन किया गया। लेकिन निर्माण के लिए बजट जारी नहीं किया गया। दोनों ही बड़े अधिकारियों का कोई स्थाई आवास भी अभी तक नहीं बन पाया है। इसके कारण दोनों अधिकारियों समेत कर्मचारियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संभाग स्तर पर होने वाले प्रशासनिक कामों में देरी हो रही है। वहीं अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए भी संभागीय स्तर पर मिलने पर पुलिस फोर्स का भी अभाव है।

संयुक्त निदेशक नहीं होने से जाना पड़ता है उदयपुर
विभागीय जानकारों के अनुसार- संभाग स्तर पर हर विभाग के संयुक्त निदेशक और उप निदेशक सहित मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारियों के कार्यालय होते हैं। लेकिन एक साल में बांसवाड़ा में किसी भी विभाग के कार्यालय की स्वीकृति नहीं मिल पाई है। शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक का कार्यालय नहीं होने से सेकेंड ग्रेड शिक्षकों से संबंधित काम अटके हुए है। वहीं थर्ड ग्रेड से सेकेंड ग्रेड में प्रमोशन का कार्य भी धीमा पड़ गया है। इसके अलावा एसीपी और लीव अप्रूवल के लिए भी शिक्षकों को उदयपुर के चक्कर काटने पड़ रहे है। यहीं समस्या चिकित्सा विभाग के अफसरों व कार्मिकों के साथ भी बनी हुई है।

इनका कहना है

संभाग कार्यालय नहीं खुलने से द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के स्थाईकरण के साथ नियुक्ति, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन, काउंसलिंग के काम के लिए उदयपुर जाना पड़ रहा है। यही नहीं 9,18,27 वर्षीय चयनित वेतनमान के प्रकरण, फर्स्ट ग्रेड और सेकंड ग्रेड के वरिष्ठता निर्धारण कर पदोन्नति का काम संयुक्त निदेशक करते हैं। इसके अलावा एलडीसी और यूडीसी के भी काम अगर जेडी ऑफिस यहां आता हैं तो यहीं से हो सकेंगे।

- गमीरचंद पाटीदार, पूर्व जिलाध्यक्ष, शिक्षक संघ राष्ट्रीय

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