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मनरेगा के कामों में गड़बड़ी:खुलासे के बाद भी एक्शन नहीं ले रहे अधिकारी, फर्जी मस्टररोल भरकर उठाया लिया भुगतान

Banswara
मनरेगा के कामों में गड़बड़ी:खुलासे के बाद भी एक्शन नहीं ले रहे अधिकारी, फर्जी मस्टररोल भरकर उठाया लिया भुगतान
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जिले में मनरेगा के तहत कच्चे-पक्के विकास कार्यों पर श्रमिक नियोजन में भ्रष्टाचार थम नहीं रहा। श्रमिकों की हाजिरी में फर्जीवाड़ा रोकने ऑनलाइन सिस्टम अपनाने पर भी पंचायती राज के कारिंदे सेंध लगा रहे हैं। मौके पर एकबारगी एकत्र कर फोटो खींचकर अपलोड करने के बाद श्रमिक दिखाई नहीं देते।

कुछ माह में ऐसे करीब आधा दर्जन पंचायतों में मामले सामने आ चुके हैं। श्रमिकों के नियोजन के नाम पर फर्जीवाड़ा कर सरकारी राशि हड़पने के मामलों को अधिकारी गबन और भ्रष्टाचार की श्रेणी के मानते हैं। खास बात यह कि दो प्रकरणों में तो अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक (ईजीएस) ने संबंधितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश भी दिए। बावजूद इसके कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई है।

घोषित अवकाश के दिन भी लगा दी हाजिरी

छोटी सरवन ब्लॉक के ही कोटड़ा पंचायत क्षेत्र में 25 अप्रैल को तीन मेट ने कार्यस्थल पर एक भी श्रमिक नहीं होने पर भी फर्जी हाजिरी भर दी। दरअसल, उस दिन गुरुवार का मनरेगा श्रमिकों का अवकाश था। बावजूद इसके मनमानी हुई। इस पर हालांकि मेट ब्लैक लिस्टेट किए गए, लेकिन जिनके अधीन यह खेला हुआ, उन्हें कोई आंच नहीं आई।

ऑनलाइन बताए दिया नियोजन, मौके पर सन्नाटा

पिछले माह सज्जनगढ़ ब्लॉक की शक्करवाड़ा पंचायत में चेकडेम कार्य के मुआयने के दौरान एक भी श्रमिक नहीं मिला, जबकि एनएमएमएस पर चार मस्टरोल में 33 श्रमिक ऑनलाइन नियोजित पाए गए। इसी तरह बांसवाड़ा ब्लॉक के लीमथान पंचायत क्षेत्र में कच्चे नाले के निर्माण कार्यस्थल पर 33 श्रमिक लगाए जाने की जानकारी एनएमएमएस से मिली। मौके पर न मेट मिला, न मस्टररोल। एक भी श्रमिक नहीं था। इन दोनों मामलों में एफआईआर के निर्देश भी हुए, लेकिन आगे कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई।

श्रम मद की राशि हड़पना गबन और भ्रष्टाचार

जिला परिषद सीईओ गोपाललाल स्वर्णकार ने कहा- नवंबर में सामने आए दोनों प्रकरणों पर मास्टरोल शून्य कर दिए गए। वीडीओ को एफआईआर के लिए भेजा गया, लेकिन पहले बीडीओ स्तर पर जांच की बात हुई। पहले भी ऐसे मामले हुए हैं। फर्जी उपस्थिति लगाकर श्रम मद की राशि हड़पना गबन और भ्रष्टाचार है। इस स्थिति को अब विकास अधिकारियों की कलक्टर की बैठक में प्रमुखता से रखा जाएगा।

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