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डिलेवरी का डाटा हर माह 5 तारीख से पहले करेंगे अपलोड, ऑनलाइन व ऑफलाइन आंकड़ों में अंतर पर होगी कार्रवाई

Banswara
डिलेवरी का डाटा हर माह 5 तारीख से पहले करेंगे अपलोड, ऑनलाइन व ऑफलाइन आंकड़ों में अंतर पर होगी कार्रवाई
@HelloBanswara - Banswara -

पीसीपीएनडीटी की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सोमवार को स्वास्थ्य भवन में रखी गई। सीएमएचओ डॉ. एचल ताबियार ने कहा कि निजी अस्पतालों में हो रहे प्रसव की जानकारी हर माह की 5 तारीख से पहले हर हाल में ऑनलाइन करनी होगी। केंद्र स्तर पर चल रहे सॉफ्टवेयर पीसीटीएस में पूरे माह का ब्योरा दर्ज करना होगा। पांच तारीख के बाद सभी डाटा फ्रीज हो जाएगा। इसलिए पूरे माह के आंकड़े अगले माह की एक से चार तारीख के मध्य ही दर्ज कर लें।

डिलेवरी के ऑनलाइन और ऑफलाइन के रिकॉर्ड में अंतर मिलने पर संबंधित संस्थान पर कार्रवाई की जाएगी। सीएमएचओ ने कहा कि यदि कोई दंपति भ्रूण लिंग जांच के लिए आते हैं तो इसकी जानकारी विभाग को भी दें। ताकि उस दंपति पर निगरानी रखी जा सके। क्योंकि वह भ्रूण जांच के लिए अन्य स्थान पर जाने का भी प्रयास करेंगे। पीसीपीएनडीटी सीओ हरिकांत शर्मा ने गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान तकनीकी अधिनियम 1994 की विस्तृत जानकारी दी।

कहा कि किसी भी सोनोग्राफी सेंटर पर अनियमितता की पुष्टि होती है तो बिना नोटिस के सील की कार्रवाई की जा सकती है। अधिनियम के तहत बरती जाने वाली सावधानियों से अवगत कराया। मुखबिर योजना की जानकारी दी। इस दौरान आरसीएचओ डॉ. दिनेश कुमार भाबोर, महात्मा गांधी अस्पताल से राजीव गौतम, आईईसी सीओ अमित शाह, पुष्पकांत राणा, सीमा शर्मा सहित जिलेभर के सोनोग्राफी केंद्र और संबंधित अस्पतालों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

डीपीएम ललित सिंह झाला ने मां वाउचर योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए केंद्रों के प्रतिनिधियों के साथ आवेदन पत्र साझा किया और रूचि अनुसार आवेदन मांगे। उन्होंने प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि हर माह की 9, 18 और 27 को जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन किया जाता है। इस दौरान जांच करने आने वाली गर्भवती महिलाओं की एक सोनोग्राफी निशुल्क होगी। इसके लिए संबंधित चिकित्सा संस्थान पीसीटीएस सॉफ्टवेयर से वाउचर जनरेट करेगा।

वाउचर संबंधित गर्भवती महिला के फोन पर मैसेज से प्राप्त होगा। वह अपनी नजदीकी सोनोग्राफी केंद्र पहुंचेगी। जहां पर जनरेट ऑनलाइन वाउचर यानी क्यूआर कोड को स्केन कर संस्थान निशुल्क सोनोग्राफी करेगा। इसकी जानकारी इम्पैक्ट सॉफ्टवेयर में दर्ज होगी। इसके आधार पर संबंधित बीसीएमओ 450 रुपए प्रत्येक सोनोग्राफी के लिए संस्थान को ऑनलाइन राशि ट्रांसफर करेंगे।

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