शराब के लिए भूख हड़ताल पर बैठे कैदी की मौत:बोलता था- जिंदा रहने के लिए शराब दे दो; 11 दिन से भूखा था
मारपीट के 10 साल पुराने मामले में जेल में बंद शराबी कैदी की रविवार को मौत हो गई। कैदी ने शराब की मांग को लेकर खाना-पीना छोड़ दिया था। इसके चलते उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे महात्मा गांधी गवर्नमेंट हॉस्पिटल (MGGH) में भर्ती कराया गया था। यहां से उदयपुर रेफर किया गया। रविवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
दरअसल 6 अक्टूबर को नीरू (25) पुत्र धनजी को सदर थाना पुलिस ने स्थायी वारंटी के तौर पर पकड़ा था। उसने 7 अक्टूबर को जेल में जिंदा रहने के लिए शराब मांगी। जब उसे शराब नहीं मिली तो उसने खाना-पीना बंद कर दिया। इस बीच उसकी हालत बिगड़ती गई। लगातार 11 दिन तक कुछ नहीं खाने के कारण 17 अक्टूबर को उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई। उसे MGGH अस्पताल लाया गया। इस दौरान वह चलते-चलते गिर रहा था। डॉक्टर को दिखाकर पुलिस कैदी को वापस सेंट्रल जेल ले गई। करीब 3 घंटे बाद उसकी हालत ज्यादा बिगड़ने लगी तो उसे दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया।
MGGH अस्पताल प्रशासन ने कैदी को 19 अक्टूबर को उदयपुर रेफर कर दिया। जहां इलाज के दौरान रविवार को उसकी मौत हो गई। इसके बाद सेंट्रल जेल उदयपुर और वहां की पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराया। कैदी नीरू को टीबी होने की बात सामने आई है। हालांकि मौत के कारणों का खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर ही पता चलेगा। बांसवाड़ा सेंट्रल जेल के डिप्टी सुपरिनटैंडैंट मान सिंह ने कैदी नीरू की मौत की पुष्टि की। मामले में न्यायिक जांच की जा रही है।