1 सप्ताह पहले बनी माइनर नहरों में दरारें पड़ी, रेत की जगह मिट्टी काम में ले रहे हैं
बागीदौरा क्षेत्र के खेतों में सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए पिछले एक साल से माइनर, सब माइनर और धोरों का निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन घटिया सामग्री से बनाई जा रही नहरों की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। नौगामा, बांसला, दलपुरा सहित आसपास के गांवों में नहरें बनाई जा रही हैं, जिसमें दरारें पड़ने लगी हैं। खेतों में बनने वाले धोरे और सब माइनर की हालत देखी तो इससे यही लगता है कि किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा हो रहा है। किसानों ने ठेकेदार पर घटिया निर्माण कार्य करवाने व एस्टीमेट अनुसार सामग्री नहीं डलवाने का आरोप लगाया है। बागीदौरा क्षेत्र के किसानों ने बताया कि नौगामा, बांसला, दलपुरा क्षेत्र में नहर निर्माण कार्य चल रहा है, उसमें एक किलोमीटर तक माइनर का काम सप्ताह भर में पूरा नहीं होता उससे पहले पीछे बनी नहर टूट रही है और दरारें पड़ती जा रही है।
किसानों ने बताया कि क्षतिग्रस्त नहरों से सीपेज होगा। जिससे फसलों को नुकसान होगा। इस बारे में ठेकेदार उदित नारायण लाल वर्मा का कहना है कि हमारे तीन जगह पर काम चल रहे हैं। जहां पर माइनर टूटी या दरारें आई हैं, उनको ठीक करवा देंगे। में जेईएन कपिल पाटीदार ने बताया कि 84 करोड़ रुपए के बजट में सालिया सियापुर से लगा कर उम्मेदगढ़ी तक माइनर व धोरे बनाने हैं। कही पर दरारें आई हैं, उसे ठीक करवाएंगे।