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असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के छात्रसंघ युवा प्रबोधन कार्यक्रम को लेकर जीजीटीयू में टेंट की व्यवस्था को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। जहां 15 दिनों से टेंडर प्रक्रिया होने के बावजूद भी फर्म को अधिकारियों ने वर्कअॉर्डर जारी नहीं किया। लेकिन बुधवार को कार्यक्रम को लेकर इमरजेंसी कॉटेशन के आधार पर टेंडर निकाला गया। खास बात यह कि जिस फर्म ( पंचाल टेंट) को टेंडर मिलना था उसे बुलाया ही नहीं गया। बल्कि जो फर्म पहले टेंडर से बाहर हो गई उसे कॉटेशन के आधार पर राज्यपाल के कार्यक्रम के लिए टेंट व्यवस्था का टेंडर दे दिया। इस पर पंचाल टेंट हाउस के दिनेश पंचाल ने गलत तरीके से दूसरी फर्म काे टेंडर देने का अाराेप लगाया है। दिनेश ने कहा कि जब राज्यपाल का कार्यक्रम पहले से तय था, तो फिर वर्क अॉर्डर जारी क्यों नहीं किया गया।
चर्चा है कि राजनीतिक दबाव के चलते न तो पिछला टेंडर जिसके पास था उसे काम दिया अाैर नहीं अब जिसको टेंडर के लिए केवल वर्क अॉर्डर मिलने वाला है, उसे दिया। इस संबंध में मुख्य लेखाधिकारी साेहनसिंह कठात का कहना है क टेंडर अभी खुला नहीं है। ये छोटा काम था, इसलिए कॉटेशन के आधार पर दिया है। कितने का काम हुआ है, ये तो जोड़ने के बाद ही पता चलेगा।