बांसवाड़ा के डूंगरी खजूरी सीनियर सैकेंडरी स्कूल के हाल, स्कूल क्रमोन्नत कर दी, सुविधाएं कब मिलेंगी?
1, 2, 3, 4, 5, तस्वीर में दिख रहे आंकड़े अलग-अलग कक्षाओं के बच्चे हैं, जिन्हें बरामदे में एक साथ बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। कक्षा-कक्षों के अभाव में यहां रोज इसी तरह बरामदे मंे ही कक्षाएं लगाई जा रही हैं। जहां शिक्षक बारी-बारी से 5 कक्षाओं के बच्चों को विषय अनुसार पढ़ाते हैं। यह हाल राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल डूगरी खजूरी के है। स्कूल में महज 4 कमरे हैं, जिनमें एक में ऑफिस, एक में पोषाहार रखा गया है। वहीं दो अन्य कमरों में कक्षा छठी से 9वीं तक की दो-दो कक्षाएं एक साथ लगाई जा रही है। जबकि 1 से 5वीं तक के बच्चों को बरामदे में बैठाकर एक साथ पढ़ाना पड़ रहा है।
ऐसे में एक साथ 5 कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को भी पहले परीक्षा की तरह ही मेहनत करनी पड़ रही है। एक ही बोर्ड पर सभी कक्षाओं को बारी-बारी से पढ़ाया जाता है। हालांकि इस दौरान दूसरी कक्षाओं के बच्चों को भी खामोश रखने के लिए भी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। दरअसल, स्कूल पिछले साल जुलाई में क्रमोन्नत हुई है। फिलहाल स्कूल में 327 बच्चों का रोल है। अभी 9वीं तक की क्लास लग रही है। लेकिन इन्हें पढ़ाने के लिए पर्याप्त कमरे नहीं है। दो कमरे जर्जर है और बाकि दो कमरों में दो-दो कक्षाएं लग रही है।
यहीं वजह है कि ग्रामीणों ने 10वीं से 12वीं तक के एक भी विद्यार्थी को स्कूल में दाखिला नहीं करवाया है। शिक्षक कमलेश कुमार भगोरा बताते हैं कि बरामदे में एक साथ 5 कक्षाओं को पढ़ाने में खासी दिक्कत आती है, लेकिन इसके अलावा कोई विकल्प भी नहीं है। अब तक ठंड होने से बरामदे में बैठाकर पढ़ा रहे थे, लेकिन अब गर्मी शुरू हो चुकी है। ऐसे में आगे इन बच्चों को पढ़ाने का संकट खड़ा हो जाएगा। बारिश में तो अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से भी कतराते हैं।